उत्तराखण्ड : नमामि गंगे के तहत 1354 करोड रूपए की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास
हरिद्वार | नमामि गंगे के तहत कुल 1354 करोड रूपए की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया। जिसमें चण्डीघाट रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना, 36 घाटों, 14 नये एसटीपी व 04 एसटीपी उच्चीकरण तथा 60 करोड़ की लागत से रिस्पना एवं बिन्दाल नदियों के आई. एण्ड डी. कार्य शामिल है।
नमामि गंगे के लोकार्पित की गई योजनाएं
जिन कार्यों का लोकार्पण किया गया उनमें हरिद्वार में 20.68 करोड़ के सीवरेज पम्पिंग स्टेशन कास्वान एवं पी.ब्ल्यू.डी. का निर्माण, 9.88 करोड़ के संयुक्त राईजिंग मेनजोन के कार्य, 31.44 करोड़ रूपये की लागत के 16 सीवरेज पम्पिंग स्टेशनों की क्षमता वृद्धि व उच्चीकरण के कार्य 2.86 करोड़ की लागत के अरिहन्त विहार सीवर लाईन व अन्य कार्य शामिल हैं। इसके अलावा स्वर्गाश्रम में 4.16 करोड़, तपोवन में 2.2 करोड़, श्रीनगर में 7.3 करोड़ व उत्तरकाशी में 4 करोड़ रुपये के सीवेज शोधन संयत्र के उच्चीकरण व कीर्तिनगर में 1.9 करोड़, श्रीनगर में 8.1 करोड़, रूद्रप्रयाग में 3.5 करोड़, कर्णप्रयाग में 3.1 करोड़, नन्दप्रयाग में 2.1 करोड़ एवं गोपेश्वर में 11.1 करोड़ रुपये के सीवेज शोधन संयत्र के निर्माण कार्य शामिल हैं। हरिद्वार में 69.18 करोड़ की चण्डीघाट रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना के लोकार्पण व उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, चमोली में 83.40 करोड़ रुपये के कुल 38 स्नान व मोक्ष घाटों के निर्माण कार्य व कार्य शामिल हैं। नमामि गंगे के तहत जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया उनमें 60 करोड़ की लागत के रिस्पना व बिन्दाल नदियों के आई. एण्ड डी. कार्य व हरिद्वार शहर में गंगा नदी के किनारे स्थित 72 घाटों के सफाई कार्य शामिल हैं।
नमामि गंगा में हो जनता की भागीदारी
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गंगा जी के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, परंतु कम से कम 1 करोड़ लोग अगर अंशदान करें तो उनका गंगा की अविरलता व निर्मलता से सीधा जुड़ाव हो सकेगा। उन्होंने आम जनों से भी अनुरोध किया कि गंगा को स्वच्छ रखने में सहयोग करें। गंगा में सीधे गंदा पानी डालने वालों को रोकना होगा।
गंगोत्री से गंगासागर जल मार्ग का हो विकास
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनका सपना है कि वे गंगोत्री से गंगासागर तक जलमार्ग से जा सकें और ऐसा करना असम्भव नहीं है। उत्तराखण्ड में नदियों को जलमार्ग के रूप में विकसित किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि रिवर पोर्ट की सम्भावनाओं पर काम किया जाना चाहिए। उत्तराखण्ड में पर्यावरण व विकास के लिए ट्रांसपोर्ट के नए कंसेप्ट पर विचार किया जाना चाहिए। राज्य को बायो फ्यूल एवियेशन का हब बनाया जा सकता है। वेस्ट टू वेल्थ की ओर बढ़ना होगा।
उत्तराखण्ड में चल रहे हैं लगभग 50 हजार करोड़ के काम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में उनके मंत्रालय के अंतर्गत लगभग 50 हजार करोड़ के काम चल रहे हैं। वर्ष 2014 में 2522 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग था जबकि अब 3 हजार किमी हो गया है। चारधाम योजना में 11700 करोड़ की लागत से 889 किमी का निर्माण होगा। भारतमाला योजना के तहत 11400 करोड़ के काम हो रहे हैं। केंद्रीय सड़क निधि से उत्तराखण्ड को 580 करोड़ की राशि दी गई है।
उत्तराखण्ड में वाॅटर काॅरपस पर होगा काम : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि नमामि गंगे व राष्ट्रीय राजमार्ग पर उत्तराखण्ड में तेजी से कार्य हो रहा है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, घाट निर्माण व अन्य कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही देहरादून-मसूरी रोपवे का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा। नीलकंठ, केदारनाथ, यमुनोत्री व मुक्तेश्वर में रोपवे निर्माण के लिये योजना बनाई जा रही है। इसके लिए वैप्कोस के अधिकारियों के साथ सचिव समिति की बैठक की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झाील में सी-प्लेन उतारने के लिए सर्वे किया जा चुका है। अधिकारियों को वाॅटर काॅरपस पर कार्य करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा की स्वच्छता व निर्मलता के लिए सबका सहयोग जरूरी है। मुख्यमंत्री ने नमामि गंगे ट्रस्ट को अपने वेतन से एक लाख रूपये देने की बात कही। विधायक सुरेश राठौर ने भी ट्रस्ट को 51 हजार रूपये देने की बात कही। इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री डाॅ. सत्यपाल सिंह, हरिद्वार सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, सतपाल महाराज, विधायक आदेश चौहान सुरेश राठौर, संजय गुप्ता, प्रदीप बत्रा, ऋषिकेश मेयर अनीता मंमगई आदि उपस्थित थे।