उत्तराखण्ड में एक बार फिर से चीन ने भारतीय सीमा का उल्लंघन किया
नई दिल्ली। उत्तराखण्ड के इलाकेे में एक बार फिर से चीन ने भारतीय सीमा का उल्लंघन किया है। इस बार चीन ने उत्तराखण्ड के चमोली जिले के बाराहोती में एअरक्राफ्ट से इस पूरे इलाके की रेकी की है और हाई रिजोल्यूशन कैमरे से तस्वीरें भी ली हैं। गौरतलब है कि यह इलाका यूं तो भारतीय सीमा में आता है कि लेेकिन पिछले काफी समय से यहां पर चीन ने दादागिरी जमाते हुए कब्जा किया हुआ है। यहां पर चीन की पीपुुल्स लिबरेशन आर्मी को सैन्य प्रशिक्षण भी दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक जिस विमान से चीन ने इलाके की रेकी की है वह सिंथेटिक अपर्चर रडार एसएआर से लैस है। एसएआर के जरिए यह किसी भी मौसम या रात में हाई-रिसॉल्यूशन तस्वीरें ले सकता है। यह विमान 40000 फीट से लेकर 60000 फीट तक की ऊँचाई पर उड़ान भरते हुए साफ तस्वीरें ले सकता है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक साल भर पहले भी चीन ने टुपोलोवटू 153एम एअरक्राफ्ट के जरिए उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड के इलाकों की तस्वीरें ली थीं। बाराहोती तीनों राज्यों की सीमाओं से सटा इलाका है। जानकारी के मुताबिक चीन के इस पूरे खुफिया मिशन के दौरान एक हैलीकॉप्टर भारतीय हवाई क्षेत्र में करीब पांच मिनट तक मौजूद रहा। यह चीन की पीएलए का झीबा श्रेणी का लड़ाकू हैलीकॉप्टर था। चीन की इस करतूत की जानकारी विदेशी खुफिया एजेंसी के साथ जानकारी साझा करने के बाद सामने आई। सूत्रों का यह भी कहना है कि पिछले महीने इलाके में तैनात भारतीय बलों की टीम को चीनी सेना ने जाने के लिए कहा था। बताया जा रहा है कि चीनी सेना की 20-25 टुकडिय़ां बाराहोती इलाके में गश्त कर चुकी हैं। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच करीब 80 वर्ग किमी का यह इलाका 1958 के बाद से ही विवादित क्षेत्र घोषित है। यहां पर किसी भी सेना के हथियारों में साथ जाने पर प्रतिबन्ध है। 1962 के भारत चीन युद्ध के दौरान भी चीन ने इस क्षेत्र में अपनी सेना को नहीं भेजा था। हालांकि उसके बाद भारतीय सेना ने हथियारों के साथ इस इलाके में गश्त जरूर की थी। लेकिन वर्ष 2000 के बाद दोनों देशों के बीच हुए एक समझौते के तहत बाराहोती, कौरिल और हिमाचल प्रदेश के शिप्की इलाके में हथियारों के साथ गश्त पर रोक लगा दी गई।