ऊंचाई वाले इलाकों में हुई बर्फवारी
रुद्रप्रयाग । मंगलवार को जिले में मौसम बदल गया। केदारनाथ धाम और ऊंची पहाड़ियों में हल्की बर्फबारी हुई, जबकि निचले इलाकों में बारिश से लोगों ने राहत की सांस ली। काफी लम्बे समय से लोग गर्मी से परेशान थे, जिससे बारिश और बर्फबारी होने से मौसम सुहावना हो गया। केदारनाथ धाम सहित इसके करीब की पहाड़ियों में दोपहर बाद हल्की बर्फबारी हुई। रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय सहित जिले के अनेक स्थानों पर दोपहर बाद बारिश हुई। पिछले कुछ दिनों से जिले में गर्मी महसूस की जा रही थी, मगर मंगलवार को हुई बारिश और बर्फबारी से मौसम एक बार फिर खुशगंवार हो गया है। केदारनाथ और पैदल मार्ग में बर्फ हटाने का काम लगातार जारी है, मगर बिगड़ते मौसम के कारण कार्य करने में दिक्कतें हो रही हैं। वहीं बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अग्रिम दल ने केदारनाथ धाम पहुंचकर बर्फ हटाने, साफ-सफाई का कार्य शुरू कर दिया है। कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि इस बार धाम में भारी बर्फवारी हुई है। धाम के चारों ओर बर्फ ही बर्फ है, जिसे हटाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कपाट खुलने से पूर्व केदारधाम में व्यवस्थाओं को चाक-चैबंद किया जायेगा। बर्फवारी के कारण मंदिर समिति को लाखों का नुकसान हुआ है। मंदिर समिति का अग्रिम दल पहले बर्फ साफ करने में जुटा हुआ है। बर्फ हटाने के कारण निर्माण कार्य भी शुरू कर दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इन दिनों मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री कालीमठ, गौरीमाई मंदिर गौरीकुंड, त्रिजुगीनारायण मंदिर की व्यवस्थाओं का भ्रमण कर रहे हैं। भ्रमण के दौरान श्री खत्री मंदिरों की स्थिति का जायजा ले रहे हैं। गौरीमाई के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये गये हैं। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से एक दिन पहले बाबा की डोली गौरीकुंड में विश्राम करेगी। ऐसे में व्यवस्थाओं को लेकर तैयारियां की जा रही है। मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाॅ हरीश गौड़ ने बताया कि विगत दिनों मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बद्रीनाथ एवं केदारनाथ का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद अग्रिल दल को केदारनाथ भेजा गया, जिससे धाम में बर्फ हटाने का कार्य किया जा सके। उन्होंने बताया कि केदारनाथ मंदिर के कपाट नौ मई को प्रातः पांच बजकर पैंतीस मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जायेंगे। इससे पहले केदारधाम में व्यवस्थाओं को दुरूस्त कर लिया जायेगा।