एक शिक्षक के भरोसे स्कूल , जानिए खबर
रुद्रप्रयाग। विकासखण्ड ऊखीमठ के अन्तर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय सल्या में शिक्षकों का अभाव होने से छात्रों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। आलम यह है कि 35 छात्रों की जिम्मेदारी एक शिक्षक के भरोसे सौंपी गयी है। अब समझ से परे है कि यह शिक्षक स्कूल की व्यवस्था को देखे या फिर छात्रों का भविष्य संवारे। शिक्षा विभाग की बेरूखी से आक्रोशित क्षेत्रीय ग्रामीणों ने जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल से मुलाकात कर समस्या के समाधान की मांग की। दरअसल, विगत कई वर्षों से राप्रावि सल्या-तुलंगा में अध्यापक न होने के कारण अभिभावक परेशान हैं। विद्यालय की छात्र संख्या भी अधिक है। ऐसे में अध्यापकों का होना अत्यंत आवश्यक है। बुधवार को क्षेत्र पंचायत सदस्य सुमंत तिवाड़ी के नेतृत्व में ग्रामीणों का एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी से मिला और विद्यालय की स्थिति से अवगत कराया। श्री तिवाड़ी ने बताया कि वर्षों से विद्यालय में प्रधानाध्यापक की तैनाती नहीं की गयी है और ना ही अध्यापकों को भेजा जा रहा है। एकल अध्यापक के भरोसे स्कूल का संचालन हो रहा है। एक शिक्षक बच्चों को पढ़ाए या फिर स्कूल प्रबंधक की जिम्मेदारियों को पूरा करे। ऊपर से एमडीएम की जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को कई मर्तबा अवगत कराये जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में ग्रामीणों का विश्वास आप पर टिका है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से जल्द से जल्द समस्या के समाधान की मांग की है। इस मौके पर ग्राम प्रधान सल्या सावित्री देवी, वन पंचायत सरपंच राजपाल सिंह, वीरेन्द्र सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता देवेन्द्र सिंह, कुंवर जखवाल, पन्ना लाल, शकुन्तला देवी, अमिता देवी, दीपराज सिंह सहित कई मौजूद थे।