एनएच 74 भूमि मुआवजा घोटाले की जांच करेगा प्रवर्तन निदेशालय
रूद्रपुर। एनएच 74 भूमि मुआवजा घोटाले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगा। सरकार ने अब यह करोड़ों रूपए का भूमि घोटाले का मामला ईडी के हवाले कर दिया है इससे माना जा रहा है कि अब इस करोड़ों के घोटाले में लिप्त न तो कोई अधिकारी बचेगा और न ही कोई किसान बचेगा। एसएसपी सदानंद दाते ने बताया कि एनएच 74 भूमि मुआवजा घोटाले की जांच लम्बे समय से एसआईटी कर रही थी। एसआईटी की जांच में कई अधिकारी भूमि मुआवजा घोटाले में लिप्त पाये गये जिसके तहत 4 पीसीएस अधिकारी वर्तमान में जेल में हैं। लेकिन इस मामले में बैक डेट कराकर करोड़ों का मुआवजा पाने वाले कई किसान अभी भी एसआईटी की जद में नहीं आये थे जिसको लेकर सरकार के आदेश के बाद आज ईडी की तीन सदस्यीय टीम देहरादून से यहां पहुंच गयी है और उन्होंने एनएच 74 भूमि मुआवजा घोटाले की जांच शुरू कर दी है। एसएसपी ने बताया कि जिन किसानों ने धोखाधड़ी कर करोड़ों का मुआवजा पाया है यदि वह विदेश भी भाग गये हैं तो ईडी उनकी भूमि जब्त करेगी। यही नहीं, धोखाधड़ी में लिप्त किसानों के रिश्तेदारों व अन्य लोगों के खिलाफ भी धनराशि प्रापर्टी अथवा अन्य कार्यों में लगायी है उसे भी जब्त कर सीज किया जायेगा। वहीं एनएच 74 भूमि मुआवजा घोटाले में निलम्बित पीसीएस अधिकारी भी जद में आ गये हैं। बैक डेट में करोड़ों रूपए का मुआवजा किसानों के देने के मामले में आज एफएसटी की टीम ने उनके हस्ताक्षरों का मिलान कर पुष्टि कर दी है जिसमें पाया गया है कि निलम्बित एसडीएम तीरथ पाल सिंह ने बतौर एसडीएम रहते हुए बैक डेट में भूमि 143की थी। एफएसटी टीम ने ऐसे तीन मामलों में पुष्टि करते हुए पाया कि उन कागजातों में निलम्बित एसडीएम तीरथ पाल सिंह के हस्ताक्षर हैं। एसएसपी ने बताया कि उनको गिरफ्रतार करने के लिए पूर्व में एक टीम देहरादून भेजी गयी थी लेकिन वह नहीं मिले। एसएसपी ने बताया कि ईडी की टीम किसानों के अलावा अधिकारियों और जेल में बंद बिल्डर प्रिया शर्मा और सुधीर चावला से भी पूछताछ करेगी।