कर्ज से परेशान किसान ने की आत्महत्या की कोशिश, हालत गंभीर
सितारगंज। कर्ज वसूली के लिए राजस्व विभाग की टीम ने डियोढार गांव में पहुंचकर कर्जदार किसान को पकड़ लिया। जिसके बाद उसके साथ बदसलूकी की गई। किसान ने कमिश्नर की कोर्ट में मामला विचाराधीन होने का हवाला देकर राहत देने की मांग की। अधिकारियों ने उसकी एक न सुनी जिसके बाद उसने अधिकारियों के चंगुल से छूटकर जहर खा लिया। परिजन उसे अस्पताल ले गए जहां से उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया है। किसान की हालत नाजुक बनी हुई है। ग्राम डियोढार निवासी किसान बूटा सिंह पुत्र छिन्दा सिंह ने कृषि लोन लिया था। फसल खराब होने से किसान कर्ज नही चुका सका। इसके साथ ही फसलों का भुगतान नही हो सका। जिसके बाद उसने राहत लेने के लिए कमिश्नर की अदालत में वाद दायर किया। जो विचाराधीन चल रहा है। गांव के ही तरसेम सिंह ने बताया कि शनिवार की सुबह तहसीलदार, संग्रह अमीन कर्ज वसूली के लिए बूटा सिंह के घर पहुंच गए। उन्होंने कर्ज न चुकाने पर बूटा सिंह के साथ सरेआम गांव में बदसलूकी की। जिस पर बूटा सिंह ने कहा कि उसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। लेकिन प्रशासनिक टीम ने उसकी एक न सुनी। उसे हिरासत में ले लिया। जिसके बाद किसान ने वाहन से छलांग लगा दी। कुछ देर बाद पीड़ित ने जहर गटक लिया। उसे सरकारी अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने हालत नाजुक देखते हुए हायर सेंटर रेफर कर दिया है। किसान नेता गुरसाहब सिंह ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों को व्यवहार किसानों के प्रति ठीक नही है। जिस वजह से अब तक क्षेत्र के तीन किसान आत्म हत्या कर चुके है। तहसीलदार विपिन चंद पंत ने बताया कि बूटा सिंह पर बीसल लाख का कर्ज है। जो यूनियन बैंक ने कृषि लोन दिया था। इसकी आरसी उनके पास पहुंची थीं। वह कर्ज वसूली के लिए मौके पर पहुंचे। जिसके बाद उन्हें किसान ने किसी प्रकार का कोई दस्तावेज नही दिखाया। वह उसे हिरासत में ले रहे थे। तभी बूटा सिंह ने टीम पर हमला करने के लिए फावड़ा उठा लिया। इस वजह से वह पीछे हट गए। उन्होंने बताया कि सोची समझी साजिश के तहत किसान ने जहर गटका है उसे अस्पताल से रेफर कराया है। जिसकी गहनतापूर्वक जांच होगी। वह सरकारी कार्य में बाधा डालने की तहरीर पुलिस को सौंपेगे।