किसान समिति के प्रमुख बने योगेन्द्र यादव
आम आदमी पार्टी में इन दिनों जो भी कुछ हो रहा है इसको लेकर मिडिया के साथ साथ पुरे देश की जनता को भ्रम लग रहा है की क्या पार्टी टूट जाएगी .मिडिया का आम आदमी पार्टी में दिलचस्पी इस कदर बड़ी है मानो देश के लिए किसान का भू अध्यादेश , भ्रस्टाचार , काला धन आदि समस्याओ पर पर्दा डालने सरीखा है . सच्चाई यह है की राजनीतिक मामलों की समिति(पीएसी) से योगेन्द्र यादव को हटा दिया गया लेकिन पार्टी की सर्वोच्च समिति राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के तौर पर बने रहेंगे।सूत्रों द्वारा जानकारी के अनुसार आप की किसान समिति का प्रमुख भी योगेन्द्र यादव को चुन लिया गया है इसके साथ ही उन्हें किसी अन्य राज्य का संयोजक भी बनाए जाने की बात हो रही है।इस तरह दिल्ली के बाहर पार्टी का विस्तार करने की उनकी इच्छा को एकतरह से पार्टी ने स्वीकार कर लिया है क्योंकि मेरा मानना है कि अरविंद केजरीवाल और योगेन्द्र यादव के बीच मतभेद का एक महत्वपूर्ण बिन्दु पार्टी का विस्तार अन्य राज्यों मे करने का भी था। जहां अरविंद केजरीवाल अपने को पाॅच वर्ष तक दिल्ली मे ही फोकस करना चाह रहे थे वही योगेन्द्र यादव इस पार्टी का विस्तार अन्य राज्यों मे भी करना चाह रहे थे।जहां तक प्रशांत भूषण की बात है दिल्ली चुनाव के दौरान जिसतरह उनके पिता शांति भूषण ने किरण बेदी के पक्ष मे बयान देकर पार्टी के लिए असहज स्थिति उत्पन्न कर दिया था और उस बयान पर प्रशांत जी की चुप्पी का साफ संकेत गया था कि वे भी अपने पिताजी के बयान से सहमत है।