कृषक उत्पादक संगठन पर हुई समीक्षा बैठक
देहरादून | नाबार्ड, उत्तराखण्ड क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून ने 12 जून, 2019 को राज्य में कृषक उत्पादक संगठन (FPO) के समक्ष आने वाले मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा के लिए एक राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया। यह बैठक नीतिगत सुधारों और भारत सरकार या अन्य हितधारकों द्वारा राज्य में एफपीओ आंदोलन को और मजबूत करने के लिए शुरू किए जानी वाली पहलों पर केंद्रित थी। सुनील चावला, मुख्य महाप्रबंधक ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य में एफपीओ को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया तथा कहा कि कृषक उत्पादक संगठनों को विशेष रूप से मूल्य श्रृंखला और गैर-कृषि गतिविधियों में कार्य करने पर ध्यान देना चाहिए। राज्य में एफपीओ आंदोलन की व्यापक अवलोकना पर भूपेंद्र कुमावत (एजीएम-एफएसडीडी) द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुतीदी जिसमें कृषक उत्पादक संगठन उत्पत्ति, स्थिति और आगे कीयोजनाओं जैसे लगभग सभी पहलुओं को शामिल किया गया है। नाबार्ड ने राज्य सरकार से एफपीओ पर केंद्रीत एक किया कि निर्दिष्ट नीति अपनाने का आग्रह किया ताकि किसानों व अन्य हितधारकों को कृषक उत्पादक संगठन के समक्ष आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाया जा सके। इस अवसर पर उपस्थित बैंकरों और अन्य हितधारकों ने ग्रामीण समृद्धि के लिए नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की और कृषि क्षेत्र में एक इंद्रधनुषी क्रांति हासिल करने की दिशा में अपना समर्थन सुनिश्चित किया। बैठक में बागवानी और कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. जगदीश चंद्रा, सुरेश राम व लतिका शर्मा भारतीय रिज़र्व बैंक, राज्य स्तरीय बैंकर समिति से स्वतंत्र कुमार,उत्तराखंड ग्रामीण बैंक से एस.एम श्रीवास्तव,उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक से ए.पी. सिंह, ILSP से संजय सक्सेना, IFFCO से नीरज कुमार तथा राज्य भर से 37 कृषक उत्पादक संगठन को प्रोहत्सान देने वाली संस्थाओं जो 77 कृषक उत्पादक संगठन का प्रतिनिधित्व करती है के सदस्य भी मौजूद थे।