कौशल विकास द्वारा जैविक कृषि क्षेत्र में 58 कैदी दिखाएँगे कौशल
देहरादून | सचिव, कौशल विकास एवं सेवायोजन डाॅ0 पंकज कुमार पाण्डेय ने गुरूवार को उत्तराखण्ड कौशल विकास समिति द्वारा एग्रीकल्चर सेक्टर स्किल्स कांउसिल में पंजीकृत सार्ग विकास समिति के माध्यम से जिला कारागार देहरादून में 58 बंदियों को जैविक कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। वर्ष 2016-17 में भी उत्तराखण्ड कौशल विकास समिति द्वारा जिला कारागार देहरादून, हरिद्वार, सितारगंज एवं हल्द्वानी में जेल इनमेट एवं नारी निकेतन हेतु कौशल विकास कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन किया, जिससे प्रशिक्षुओं में पाॅजिटिव ऊर्जा का संचार हुआ। इसी क्रम में वर्ष 2018 में भी अधिक से अधिक बंदियों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। उद्घाटन समारोह में डाॅ0 पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा अवगत कराया गया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर कारागार के बंदियों को रिहा होने के पश्चात स्वरोजगार के अवसरों से जोड़ा जा सके ताकि उन्हें मुख्य धारा से जुड़ने में सहायता प्राप्त हो और वे भविष्य में अपराध की और न बढ़कर कौशल विकास के माध्यम् से अपने जीवन को उज्ज्वल बना सके। डाॅ0 पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बंदियों को कौशल विकास प्रशिक्षण से सम्बन्धित जाॅव रोल किट भी प्रदान की जायेगी, साथ ही उन्होने कारागार बंदियों से अपील की कि जो बंदी अधिक साक्षर है उनके द्वारा अपने सहबंदियों को कौशल विकास में सहयोग प्रदान करंे। कार्यक्रम के दौरान सभी प्रशिक्षाणार्थियों को प्रशिक्षण से सम्बन्धित किताबें भी बांटी गई। राज्य भर में उत्तराखण्ड कौशल विकास समिति के पोर्टल पर अतिथि तक 29892 युवा रजिस्टर्ड हैं जिसके सापेक्ष समिति ने वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए 10 हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा था। अब तक 12 हजार युवाओं को 32 सेक्टरों में 300 केन्द्रों पर 120 प्रशिक्षण प्रदाताओं एवं 22 सेक्टरों स्किल कौंसिल के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। जिससे इन युवाओं को रोजगार/स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हो रहे है। समिति ने आज के दौर में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव एवं आकार के अनुसार कुशल उत्तराखण्ड नामक मोबाईल एप्लीकेशन माह सितम्बर 2016 में लॅांच किया, जिससे दूरदराज के युवाओं को भी रोजगार अवसर मिल सके। इस मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से उपयोगकर्ता सम्बन्धित क्षेत्र के कुशल कामगार को तलाश सकेगें साथ ही युवा अपना पंजीकरण कर कुशल कामगार बनने की राह पर अग्रसर हो सकेगें।