क्या कांस्टेबल की ईमानदारी पर हावी सलमान की दौलत !
रविन्द्र पाटिल एक ऐसा गवाह था जिसने सलमान को गाड़ी चलाते और गरीबो पर गाडी चढ़ाते देखा था। वो एक कांस्टेबल था। उसने कभी अपना बयान नहीं बदला। बेचारे को बयान बदलने के लिए करोडो के लालच दिए गए, पुलिस और नेताओ का बहुत दबाव बनाया गया, नौकरी से हटा दिया गया और जैल में भी रखा गया मगर इस ईमानदार और खुद्दार आदमी ने कभी अपना बयान नहीं बदला। बेचारे को अपनी जान बचाने के लिए अपने घर परिवार को छोड़कर मुम्बई से भागना पड़ा। चोरी छुपे घरवालो से मिलना पड़ता था। रविन्द्र पाटिल डिप्रेशन का शिकार हो गया और 4 साल बाद जब मुम्बई लौटा तो उसको भीख माँगने पर मजबूर होना पड़ा। उसके बाद ये बीमार पड़ गया और एक दिन सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान इस नौजवान की मौत हो गयी। मगर इसने कभी अपना बयान नहीं बदला। क्या सलमान को या उसके परिवार वालो को या मीडिया को या सलमान फेन्स को या देशवासियो को रविन्द्र पाटिल का ज़रा सा भी ग़म है? क्या किसी ने भी पता किया कि रविन्द्र पाटिल के घरवालो पे क्या बीती? वो कितना रोये थे? जबकि न्यूज में बस सलमान की बहनो, भाइयो, माँ बाप और फेन्स तक को रोते दिखाया जा रहा है।
स्रोत – सोसल मीडिया