खनन को लेकर स्वामी शिवानन्द के आरोप बेबुनिाद : जिलाधिकारी हरिद्वार
जिलाधिकारी एच.सी.सेमवाल ने कहा कि जनपद में खनन से सम्बन्धित समस्त कार्य शासन द्वारा निर्धारित नियमों के तहत किया जा रहा है। मातृसदन के स्वामी शिवानन्द का यह आरोप है कि समतलीकरण के नाम पर 100 करोड़ रूपये के वारे-न्यारे किये गये हैं और एक भी पैसा राजकोष में जमा नहीं किया गया है। इस सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि कृषकों को अपनी भूमि कृषि योग्य बनाये जाने के लिए अनुमति प्रदान की गई थी, जिनमें रायल्टी के रूप में 7340065 रूपये राजकोष में जमा कराये गये तथा जनपद में भारी वर्षा होने तथा गंगा एवं सहायक नदियों के जलस्तर में व अवैध खनन को रोकने के दृष्टिगत समस्त अनुमति निरस्त कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि जनपद हरिद्वार में शासन द्वारा 74 खनन पट्टे स्वीकृत किये गये हैं, जिसमें से वर्ष 2015 में वर्षाकाल प्रारम्भ होने से पूर्व 35 पट्टों पर खनन चुगान कार्य की नियमानुसार अनुमति प्रदान की गई थी। गंगा व सहायक नदियों के पट्टा क्षेत्रों के तल में जल आने के कारण 15 जून 2015 से पूर्व ही खनन/चुगान की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। संचालित खनन पट्टों से फरवरी से जून 2015 की समयावधि में लगभग 3.40 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। मातृसदन ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन द्वारा 50 पोकलैंड मशीने पकड़ी थी, इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने कहा कि एन्टी माइनिंग फोर्स /पुलिस/वन/खनन/राजस्व विभाग द्वारा समय-समय पर खनन क्षेत्रों में प्रवर्तन सम्बन्धी कार्यवाही की जाती है तथा अवैध खनन सम्बन्धी कार्यों में प्रयुक्त मशीनरी आदि पर नियमानुसार जुर्माने की कार्यवाही अमल में लाई जाती है। उन्होंने कहा कि जनपद में वर्तमान में 54 स्टोन क्रेशरों हेतु शासन द्वारा अनापत्ति प्राप्त होने के उपरान्त संचालित हैं। समय-समय पर स्टोन क्रेशरों की सक्षम अधिकारियों द्वारा जांच की जाती है तथा किसी प्रकार की अनियमित्ता पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।