गंगा स्वच्छता अभियान के लिए एफआरआई द्वारा गोष्ठी
राष्ट्रीय गंगा स्वच्छता अभियान के अंतर्गत गंगा नदी को स्वच्छ करने की दिशा में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार एक नई पहल करने जा रही है। जिसके अंतर्गत वन अनुसंधान संस्थान देहरादून को वानिकी प्रयासों के द्वारा जल प्रवाह में सुधार करने और जैविकीय फिल्टरों के द्वारा जल का उपचार करने के लिए एक रणनीतिक भूमिका अदा करने एवं विस्तृत कार्य योजना बनाने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। यह दो फेज का कार्यक्रम हैरू पहला 6-8 माह का परियोजना विकास फेज और दूसरा 5-10 साल का परियोजना फेज। परियोजना विकास फेज में प्रारम्भिक 5 सालों के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का कार्य इस समय वन अनुसंधान संस्थान द्वारा किया जा रहा है।पहले फेज के लिए तय की गयी कार्य योजना के अन्र्तगत उत्तराखंड ,, बिहार व झारखण्ड राज्यों के लिए परामर्षी बैठकों का आयोजन अप्रैल 2015 से मई 2015 के मध्य देहरादून, इलाहाबाद और पटना में सफलतापूर्वक किया जा चुका हैए पश्चिमी बंगाल के लिए बैठक इसी माह में होने वाली है। बैठकों के माध्यम से इन राज्यों के लिए गंगा से संबधित विभिन्न विषिश्ट एंव आम मुद्दों की पहचान हो सकी है। इन बैठकों से प्राप्त अनुभवों पर वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में 25 से 26 मई 2015 को विशय विषेशज्ञों के साथ चर्चा की गयी और यह भी जाना गया कि योजना बनाने हेतु क्या-क्या अवसर तथा बाधाएं है ? विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए जुलाई 2.3ए 2015 को हितधारकों की राष्टीªय बैठक का वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में आयोजन किया जा रहा हैं जिसमें विभिन्न राज्यों के नोडल अधिकारी अपने.अपने राज्य की पांच वर्ष की कार्य योजना पर प्रकाश डालेंगे । वे यह भी ब्यौरा देंगे कि इस वर्ष इस परियोजना के अंतर्गत क्या कार्य किये जा सकते हैं।