गृहमंत्री ने छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति का जायजा लिया
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 30-31 मई, 2015 को वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ का दो दिवसीय दौरा किया। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल सहित केंद्र और राज्य सरकार के आला अधिकारियों के साथ वामपंथी उग्रवाद विरोधी कार्रवाईयों तथा राज्य के विकास कार्यक्रमों की समीक्षा की। राजनाथ सिंह ने निर्देश दिया कि खास तौर से सुकमा जिले में भारतीय संचार निगम लिमिटेड द्वारा लगाए जाने वाले मोबाइल टावरों के काम में तेजी लाए जाए। उन्होंने कहा कि दक्षिण बस्तर के सर्वाधिक पीड़ित जिलों सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में नए डाक खाने खोले जाएंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सड़क यातायात एवं राजमार्ग मंत्रालय के परामर्श से आवश्यक सड़क योजना (आरआरपी-2) को जल्द तैयार किया जाय। उन्होंने आग्रह किया कि नक्सल पीड़ित क्षेत्रों में स्कूल और छात्रावास, नई बैंक शाखाएं खोली जाएं तथा रेडियो और टीवी का दायरा बढ़ाया जाए। राज्य सरकार ने प्रस्ताव किया कि केंद्र आर्थिक और सुरक्षा मोर्चे पर समेकित विकास के लिए ‘बस्तर योजना’ अपने हाथ में ले। मुख्य मंत्री डॉ. रमन सिंह ने सुरक्षा संबंधी व्यय योजना के अंतर्गत धन वापसी का मामला उठाया और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की पांच बटालियन तैनात करने की मांग की। गृहमंत्री ने सुकमा के चिंतागुफा कैम्प में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और राज्य पुलिस बल के जवानों से बातचीत की। जवानों ने कहा कि एक ही परिसर में तैनात राज्य पुलिस बल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और कोबरा जवानों को मिलने वाले वेतन तथा भत्तों की असमानता दूर की जाए और ग्रुप केंद्रों में परिवारों को रखने का उचित प्रावधान किया जाए। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों की कार्य परिस्थितियों में सुधार और उनके कल्याण के उपायों के संबंध में लगातार प्रयास कर रहा है। गृहमंत्री के साथ वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार श्री के. विजय कुमार, विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) श्री अशोक प्रसाद और केंद्र, राज्य सरकार तथा सुरक्षा एजेंसियों के आला अधिकारी भी थे।