ग्रामपंचायतों के हकों पर डाका डाल रही राज्य सरकारः त्रिवेंद्र
देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, झारखंड प्रभारी व नमामि गंगे समिति के सदस्य त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ग्रामपंचायतों के हकों पर डाका डालने का काम कर रही है। प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सीएम डिक्टेटर की तरह काम कर रहे हैं, सरकार के मंत्री अपने आप कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामपंचायतों के बजट में जो कटौती की जा रही वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के बजट में काफी बढ़ोत्तरी की गई है, लेकिन राज्य सरकार पंचायतों के हकों पर डाका डालने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा चैदहवें वित्त के तहत ग्रामपंचायतों को मिलने वाली धनराशि में चार से पांच गुना बढ़ोत्तरी की गई है, ताकि गांवों का समग्र विकास हो सकें, जबकि राज्य सरकार ने राज्य वित्त के तहत ग्रामपंचायतों को मिलने वाली धनराशि पर तो रोक लगा ही दी है, साथ ही एक शासनादेश जारी कर केंद्र द्वारा ग्रामपंचायतों को चैदहवें वित्त के तहत मिलने वाली धनराशि में भी अपने स्तर पर कटौती कर दी है। इस शासनादेश के अनुसार चैदहवें वित्त की धनराशि का पचास प्रतिशत मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पूरा करने में खर्च किया जाएगा। इस धनराशि को राज्य सरकार अपने अनुसार खर्च कराना चाह रही है, जो कि गलत है। इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामप्रधानों को पत्र भी भेजे गए हैं। सीएम बरगलाने का काम कर रहे हैं। लोकतंत्र को कुचलने का काम प्रदेश सरकार कर रही है। इसके विरोध में प्रदेशभर में ग्रामप्रधान आंदोलनरत हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामपंचायतों को कमजोर करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य की हालत ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री हरीश रावत डिक्टेटर की तरह काम कर रहे हैं, सरकार के मंत्री अपने आप कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। सीएम ने मंत्रियों को पूरी तरह से पंगू बना दिया है। ठेकेदारों को टेंडर नहीं डालने दिया जा रहा है, टेंडर डालने के लिए पैसा एडवांस में लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस समय अराजकता की स्थिति है। सुशासन प्रणाली ध्वस्त हो चुकी है।