घरों से उतरे सौ वाॅट के बल्ब, 28 गांव एलईडी बल्ब से जगमगाये, जानिए ख़बर
देहरादून। सामाजिक वैज्ञानिक संस्था सोसाइटी आॅफ पोल्यूशन एण्ड इन्वायरमेंटल कन्जरवेशन साइंटिस्ट (स्पेक्स) देहरादून तथा हीरो मोटोकाॅर्प लिमिटेड के संयुक्त प्रयास ने ऊर्जा संरक्षण एवं स्वरोजगार के दृष्टिकोण से उत्तराखण्ड राज्य के 28 गावों को विकसित किया है। राज्य के 28 गांवों के घरों से सौ वाॅट के आॅरमन बल्ब उतार कर एलईडी बल्ब लगाये गये है। यहां हिन्दी भवन में पत्रकारों से बातचीत में सामाजिक वैज्ञानिक संस्था सोसाइटी आॅफ पोल्यूशन एण्ड इन्वायरमेंटल कन्जरवेशन साइंटिस्ट (स्पेक्स) के सचिव डा. बृजमोहन शर्मा ने कहा कि (स्पेक्स) देहरादून तथा हीरो मोटोकाॅर्प लिमिटेड के संयुक्त प्रयास ने ऊर्जा संरक्षण एवं स्वरोजगार के दृष्टिकोण से उत्तराखण्ड राज्य के 28 गावों को विकसित किया है और राज्य के 28 गांवों के घरों से उतरे सौ वाॅट के आॅरमन बल्ब उतर कर एलईडी बल्ब लगाये गये है। हरिद्वार जनपद के 14 गाँवों, उत्तरकाशी की अस्सीगंगा घाटी की 8 ग्रामसभायें, दून के चकराता क्षेत्र के 3 गांव, रायपुर ब्लाॅक का एक गांव व सहसपुर ब्लाॅक के एक गांव को 7 वाॅट के एल.ई.डी. बल्बों से पूर्णतया सुसज्जित कर दिया गया है। परियोजना में 12727 परिवारों को 53138 बल्ब प्रदान किये गये। जिससे 28406 यूनिट बिजली प्रतिदिन व 10368432 यूनिट बिजली प्रत्येक वर्ष बचत होगी। इस कार्ययोजना में 100 वाॅट के सामान्य बल्ब को 7 वाॅट के एल.ई.डी. बल्ब से बदल दिया गया है। इस कार्य में हरिद्वार जेल के बंदियों, ग्रामीण महिला-पुरूषों, जाॅय संस्था के युवक-युवतियों, लोक संचार एवं विकास समिति पिथौरागढ़ तथा उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी परिषद ने भी सहयोग किया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य ऊर्जा बचत, स्वरोजगार, पर्यावरण संरक्षण व ई-वेस्ट को कम करना है। इस बल्ब तकनीकी में यह सुविधा है कि खराब बल्ब को दुरूस्त किया जा सकता है। इससे स्वरोजगार के साथ-साथ ई-वेस्ट कम होगा तथा लोगों की जेब-खर्च पर भी बचत रहेगी। एल.ई.डी. बल्ब की औसत आयु 50,000 घंटे है। स्पेक्स ने इसमें एक फ्यूज लगाया है जिससे पूरा बल्ब खराब नहीं होगा केवल फ्यूज खराब होगा जो केवल एक रूपये का आता है। इससे बल्ब की आयु बढ़ जायेगी व ई-वेस्ट को कम करने में मदद मिलेगी। यह अभियान 6 मार्च 2018 से प्रारम्भ हुआ, जिसमें मात्र 23 दिन में 152 लोग प्रशिक्षित हुए 45 लोगों ने पूर्ण कार्य कर 53453 बल्बों का निर्माण किया तथा प्रत्येक बल्ब पर 5 रूपये आय भी की। इस अभियान में 200 सोलर लाईट मिस्सरास पट्टी, 200 सोलर लाईट चामासरायी व 100 सोलर लाईट केशवपुरी में लगाई गयी हैं। हरिद्वार जिले के करतारपुर गाँव जिसमें 1000 परिवार हैं जो कि 814680 यूनिट बिजली प्रत्येक वर्ष बचायेगा। बिशनपुर कुंडी में 615 परिवार हैं जो कि 51028 यूनिट, भोवापुर में 280 परिवार हैं जो कि 2,28,110 यूनिट, शाहपुर में 870 परिवार जो कि 708771 यूनिट, टीकमपुर में 195 परिवार हैं जो कि 158862 यूनिट, मुबारिकपुर में 530 परिवार हैं जो कि 431780 यूनिट, बुक्कनपुर में 345 परिवार है जो कि 354681 यूनिट, कुतुबपुर में 517 परिवार हैं जो कि 421189, ऐथल बुर्ज में 415 परिवार जो कि 338092 यूनिट, मनक माजरा में 1200 परिवार हैं जो कि 977616 यूनिट सहदेवपुर में 830 परिवार हैं जो कि 67618 यूनिट, न्यू डोबनगर पथरी में 256 परिवार 208558 यूनिट बिजली बचत करने वाले गाँव बन चुके हैं। देहरादून जनपद के चकराता तहसील के सेन्ज तरानू के 250 परिवार 203670 यूनिट, त्यूनी के 75 परिवार 61101 यूनिट, हनोल के 95 परिवार 77395 यूनिट, रायपुर ब्लाॅक चामासारी के 174 परिवार 141754 यूनिट, सहसपुर ब्लाॅक के मिस्सरास पट्टी के 252 परिवार 205299 यूनिट बिजली बचाने वाले गाँव बन गये हैं। उत्तरकाशी जनपद की अस्सीगंगा घाटी के डासडा के 115 परिवार 93688 यूनिट, अगोड़ा के 140 परिवार 114055 यूनिट, भंकोली के 180 परिवार 146642 यूनिट, उत्तरों के 435 परिवार 365817 यूनिट, नाल्ड के 335 परिवार 272917 यूनिट, सेकू के 95 परिवार 77395 यूनिट, नौगांव के 180 परिवार 146642 यूनिट व गजोली के 190 परिवार 154789 यूनिट बिजली बचाने वाली ग्राम सभा बन चुकी हैं। उनका कहना है कि अप्रैल माह में प्रत्येक गाँव के दो लोगों को एल.ई.डी. बल्ब बनाना व रिपेयर करना भी सिखाया जायेगा |