चार प्रस्ताव केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान
देहरादून। सचिव उद्यान एवं कृषि डी.सेंथिल पाण्डियन ने बताया कि मुख्यमंत्री एवं कृषि/उद्यान मंत्री द्वारा समय-समय पर निर्देश दिये जाते रहे हैं कि प्रदेश में अधिक से अधिक खाद्य प्रसंस्करण व कोल्ड चैन से सम्बन्धित इकाईयों की स्थापना की जाय, जिसके क्रम में मुख्य सचिव एवं कृषि मंत्रालय उत्तराखण्ड शासन के सतत् प्रयासों से भारत सरकार द्वारा 04 प्रस्तावों की स्वीकृति प्रदान की गयी है। निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डाॅ.बी.एस.नेगी द्वारा बताया गया कि भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा मै0 मोहयाल फूड्स प्रा0लि0, हरिद्वार, मै0 एस0के0 फ्रोजन फूड्स, नैनीताल, मै0 शान्ति फ्रोजन फूड्स, ऊधमंिसंहनगर, मै0 शिवन्या फ्रोजन फूड प्रोडक्ट्स, ऊधमसिंहनगर यूनिटो की स्वीकृति 16 फरवरी, 2018 को जारी की गई है। ज्ञातव्य है कि दिनांक 22 जनवरी, 2018 को हरसिमरत कौर बादल, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री, भारत सरकार की अध्यक्षता में आयोजित अन्र्तमंत्रालयी अनुमोदन समिति की बैठक मंे उत्तराखण्ड राज्य के खाद्य प्रसंस्करण के कुल 06 प्रस्तावों मै0 मोहयाल फूड्स प्रा0लि0, हरिद्वार, मै0 एस0के0 फ्रोजन फूड्स, नैनीताल, मै0 शान्ति फ्रोजन फूड्स, ऊधमसिंहनगर, मै0 शिवन्या फ्रोजन फूड प्रोडक्ट्स, ऊधमसिंहनगर, मै0 स्टेलर कोल्ड चेन, काशीपुर, ऊधमसिंहरनगर एवं मै0 अग्रवाल फ्रोजन फूड्स, ऊधमसिंहनगर पर विचार किया गया था। जिसके पश्चात प्रथम 04 प्रस्तावों को उनकी पात्रता के क्रम में स्वीकृति प्रदान की गई। अन्य 02 प्रस्तावों को भविष्य में रिक्तियों के आधार पर स्वीकृत किया जायेगा। उत्तराखण्ड राज्य में वर्तमान में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से कुल 17 कोल्ड चैन इकाईया स्थापित हैं, जिनकी कुल लागत लगभग रू0 285.82 करोड़ है, जिसमें रू0 161.596 करोड़ की राज सहायता प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त उक्त 04 प्रस्तावों की स्वीकृति के उपरान्त प्रदेश में कुल कोल्ड चैन इकाईयों की संख्या बढ़कर 21 हो जायेगी। उक्त 04 प्रस्तावों में लगभग रू0 68.83 करोड़ का निवेश होगा, जिसमें रु. 36.60 करोड़ की राज सहायता प्रदान की जायेगी। उक्त इकाईयों की स्थापना के फलस्वरूप लगभग 500 से अधिक लोगों को सीधे रोजगार प्राप्त होगा। साथ ही इकाइयों के संचालन से राज्य में स्थापित कोल्ड चैन इकाईयों की क्षमता में लगभग 17,000 मै0टन की अतिरिक्त बढ़ोतरी हो जायेगी, जिस हेतु लगभग 40,000 से 50,000 मै0टन फल एवं सब्जियों की कच्चे माल के रूप में अतिरिक्त आवश्यकता होगी, जिससे प्रदेश के किसान लाभान्वित होगें तथा कृषकों की आय में वृद्धि होगी।