जन सहभागिता से ही होगा नदियों का पुनर्जीवन : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को मजखाली स्थित वुडस विला रिर्सोट में आयोजित कोसी नदी के पुनर्जीवन से सम्बन्धित बैठक में कहा कि इस योजना के लिये जन सहभागिता को हमें प्राथमिकता देनी होगी तभी यह कार्यक्रम एक अभियान के रूप में आगे बढ़ पायेगा। उन्होंने कहा कि कोसी नदी में पूर्व में 48 स्त्रोत मिलकर आते थे जो अब घटकर 08 रह गये हैं यह हमारे लिये एक चिन्ता का विषय है इस बात को ध्यान में रखते हुये प्रदेश सरकार ने देहरादून की रिस्पना एवं कुमायूं में कोसी नदी को इस महत्वाकांक्षी योजना से जोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस अभियान से जुडे अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने विभाग से सम्बन्धित सभी व्यवस्थाओं को यथा समय सम्पन्न कराना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आगामी 16 जुलाई को हरेला पर्व के दिन कोसी नदी के उद्गम स्थल से इस अभियान की शुरूआत की जायेगी। इसी दिन कोसी कैचमेंट एरिया के अन्तर्गत 01 लाख पोैधों का पौधारोपण, जिसमें जंगली फलों सहित चैड़ीपत्ती के पौधों का पौधारोपण होगा। इसके लिये सभी तैयारियाॅ की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस अभियान से जुडे एनआरडीएएमएस के निदेशक प्रो.जे0एस0 रावत के सुझावों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही उनके द्वारा जो 14 जोन इसके लिये चिन्हित किये गये है उन क्षेत्रों में नोडल अधिकारी तैनात कर इस कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोसी कैंचमेंट एरिया से जुडे हवालबाग, ताकुला विकास खण्ड के 109 ग्रामों में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने जिलाधिकारी इवा आशीष से अभी तक के कार्यों की जानकारी प्राप्त की और निर्देश दिये कि इस अभियान में आम लोगों की सहभागिता अधिकाधिक हो, इसमें विशेष ध्यान देना होगा। विशेषकर वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे इस कार्य में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमारे लिये गौरव की बात है कि पं.गोविन्द बल्लभ पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान व विवेकानन्द कृषि अनुसंधान संस्थान, जो भारत सरकार के उपक्रम है वे भी इस अभियान से पूर्ण रूप से जुडे है। मुख्यमंत्री ने स्वयंसेवी संस्थाओं, महिला स्वयं सहायता समूह, नव मंगल दलों, महिला मंगल दलो सहित अन्य लोगांे से इस अभियान से जुडने की अपील की। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिये गढवाल व कुमायूं मण्डल में एक उच्च कोटी के विद्यालय की स्थापना की जा रही है जिसके लिये गढवाल में भूमि उपलब्ध हो चुकी है कुमायूं मण्डल के अल्मोड़ा में इस हेतु भूमि चयन करने के निर्देश आयुक्त कुमायूं मण्डल को दिये। इससे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने रानीखेत स्थित सैन्य संग्रहालय का भी निरीक्षण किया और जिस तरीके से संग्रहालय को सुसज्जित किया गया है वह हम सबके लिये प्रेरणादयी व ज्ञानवर्द्धक है साथ ही भावी युवा पीढी के लिये प्रेरणास्त्रोत है। आयुक्त कुमायूँ मण्डल राजीव रौतेला ने कहा कि इस अभियान को आगे बढाने के साथ-साथ ही हमारा लक्ष्य 3 लाख पौधों के रोपण का है जिसके लिये ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि इस कोसी पुनर्जीवन कार्य को स्वतस्र्पूत भावना से चलाने का प्रयास किया जायेगा। जिसकी सूक्ष्म कार्य योजना तैयार कर ली गयी है। इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भटट, जिला अध्यक्ष गोविन्द पिलख्वाल, मसूरी विधायक गणेश जोशी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी0रेणुका देवी, अपर जिलाधिकारी के0एस0 टोलिया, संयुक्त मजिस्टेªट रानीखेत हिमांशु खुराना, उपजिलाधिकारी द्वाराहाट रजा अब्बास, जोगेन्द्र सिंह सहित इस अभिया न से जुडे अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन जिला विकास अधिकारी मो0 असलम ने किया।