जनता दरबार : साहब जी हमारी भी सुन लीजिए ……
रुद्रप्रयाग। सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत विकासखण्ड ऊखीमठ के दूरस्थ गांव चिलौण्ड जन सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान चिलौण्ड गांव के ग्रामीणों ने पेयजल, शिक्षा, सडक, भूकम्प, मुआवजा आदि से संबंधित 11 शिकायतें दर्ज कराई। ग्रामीणों की सात शिकायतों का मौके पर ही निराकरण किया गया। दरअसल, चिलौण्ड विकासखण्ड ऊखीमठ का दूरस्थ गांव है। विभागीय अधिकारी कम ही गांव में पहुंचते हैं। ग्रामीणों को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिये या तो विकासखण्ड या फिर सीधे जिला मुख्यालय आना पड़ता है। पहली बार गांव में आयोजित हुये जन सुनवाई कार्यक्रम में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर शिरकत की और जिलाधिकारी के साथ ही अन्य विभागीय अधिकारियों के सामने अपनी समस्याएं रखी। चिलौण्ड निवासी केशव सिंह ने विकलांग पेंशन न लगने की शिकायत की। ग्रामीणों ने बताया कि चिलौण्ड से रामबाडा पैदल मार्ग का सुधारीकरण का कार्य किया जाना था, लेकिन वन विभाग ने कोई कार्य नहीं किया है। ग्रामीणों ने कहा कि गांव भूकंप से बुरी तरह प्रभावित है। फरवरी 2017 में आए भूकम्प से भवनों में पडी दरारों की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने भूकम्प प्रभावित भवनों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ परिवारों के पास दो भवन हैं, जिनमें से कच्चे मकान पर दरार पडी है व पक्का मकान सुरक्षित हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी ने ग्रामवासियों को बताया कि मानक के अनुसार दो मकान होने पर मुआवजे के दायरे में नहीं आते हैं। जिलाधिकारी ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2003-04 में निर्मित राजकीय प्राथमिक विद्यालय चिलौण्ड का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान ग्राम प्रधान मोहन सिंह राणा ने बताया कि बरसात में विद्यालय की छत टपकती है व पीछे की दीवार पर दरारें पडी हुई है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने लोनिवि को छत टपकने का कारण, साथ ही विद्यालय के जीर्णोद्वार का प्राकलन तैयार करने के निर्देश दिए।