जनपदो में 50 विधवा महिलाओं को डेरी विकास विभाग द्वारा गाय उपलब्ध होगी
प्रदेश में रक्षाबन्धन, जन्माष्टमी एवं शिक्षक दिवस के अवसर पर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का शुभारम्भ किया जायेगा, इसके अन्तर्गत रक्षाबन्धन से पूर्व 28 अगस्त को वृक्षारोपण के लिये प्रत्येक जनपद में 500 महिलाओं को अधिकतम 5 वृक्ष उद्यान विभाग द्वारा उपलब्ध कराये जायेंगे। इन वृक्षों के एवज में वन विभाग द्वारा प्रति वृक्ष की दर पर देय धनराशि का भुगतान एफडी के रूप में मौके पर किया जायेगा, इस अवसर में महिलाओं द्वारा प्रभारी मंत्री एवं अन्य लोगो को राखी भी बांधी जायेगी। जबकि जन धन से जन सुरक्षा योजना के अन्तर्गत बीमा योजना की भी शुरूआत की जायेगी। इसकी पाॅलिसी के प्रिमियम की धनराशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से वहन की जायेगी। इस योजना में अधिक से अधिक लोगो को प्रेरित करने वाली महिला, स्वंय सहायता समूहों, महिला मंगल दलो को 10 रू0 प्रति पाॅलिसी की दर पर प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जायेगी। यह धनराशि भी मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से ही दी जायेगी। जन्माष्टमी व शिक्षक दिवस के अवसर पर 5 सितम्बर को जिन योजनाओं की शुरूआत की जायेगी, उनमे गंगा गाय योजना के अधीन प्रत्येक जनपद में 50 विधवा महिलाओं को डेरी विकास विभाग द्वारा गाय उपलब्ध करायी जायेंगी। शिक्षक दिवस को शिक्षक सम्मान दिवस के रूप में आयोजित किया जायेगा। इस अवसर पर राष्ट्रपति सहित राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर पुरस्कृत शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र व शाॅल भेंट कर सम्मानित किया जायेगा। जनपद मुख्यालय पर आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमो के मुख्य अतिथि जनपद के प्रभारी मंत्री होंगे। इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मंगलवार को सचिवालय में सभी जिलाधिकारियो के साथ वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से विस्तृत चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि महिलाओं को वृक्षों के साथ देय धनराशि का भुगतान वृक्षारोपण को बढ़ावा देने में मददगार होगा, वही जनधन से जन सुरक्षा योजना में देय प्रिमियम में एसएचजी व महिला मंगल दलों को योजना के प्रति लोगो को मोटिवेट करने के लिये अलग से 10 रूपए धनराशि की व्यवस्था करने का उद्देश्य महिलाओं को सम्मान देना तथा उनकी आय को मजबूत करना है। उन्होने कहा कि हमारा उद्देश्य राज्य के सभी नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा के साथ ही उनके सामाजिक सशक्तिकरण पर ध्यान देना है। उन्होने कहा कि योजना में महिला की नोमिनी उसकी पुत्री या पुत्र होंगे। गंगा गाय योजना का उद्देश्य दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही गांवो की गरीब विधवाओं की आर्थिकी को मजबूती प्रदान करना है।