जब तक शरीर साथ देगा तब तक लिखता रहूंगाः रस्किल बांड
मसूरी । प्रख्यात लेखक रस्किन बॉन्ड अपने जन्म दिन पर पाठकों से रूबरू हुए। पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जब तक शरीर साथ देगा तब तक लिखता रहूंगा। एक पाठक ने उनसे अविवाहित रहने के बारे में प्रश्न पूछा तो रस्किन ने कहा कि मैं इस बारे में पुस्तक लिखने की सोच रहा हूं। जल्द ही इस पर काम करुंगा। इस अवसर पर उन्होंने अपनी नई रचना कमिंग अराउंड द माउंटेन भी पाठकों को समर्पित की।19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में जन्मे रस्किन बॉन्ड 85 वर्ष के हो गए हैं। हर साल की तरह इस बार भी उन्होंने मसूरी के अपने आवास पर पाठकों के बीच केक काटा और उनसे लंबी बातचीत की। उन्होंने पाठकों को नसीहत दी कि जीवन में सफलता के लिए जरूरी है हमेशा खुश रहें, संघर्षशील बनें और अपने अभिभावकों का सम्मान करें। लेखकीय जीवन से संबंधित सवालों का जवाब देते हुए रस्किन ने बताया कि वह अब तक उन्होंने 150 पुस्तकें लिख चुके हैं। पाठकों से मिले स्नेह को जीवन की पूंजी बताते हुए प्रख्यात लेखक ने कहा, मैंने 17 साल की उम्र में लिखना शुरू किया था। आज 85 साल की उम्र में हाथ से लिख रहा हूं और जब तक शरीर साथ देगा लिखता रहूंगा। रस्किन का जन्मदिन मनाने लखनऊ से आए उमेश गायकवाड़ ने बताया कि जब वह मसूरी के प्रसिद्ध वाइनवर्ग स्कूल के छात्र थे, तभी से वह रस्किन के मिलते रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब प्रयास रहता है कि रस्किन को जन्म दिवस की बधाई देने मसूरी पहुंचे। दोपहर बाद मसूरी के कैंब्रिज बुक डिपो में भी रस्किन ने केक काटकर जन्मदिन मनाया।