जॉब छोड़ मशरूम उगा रहे हैं युवा जानिए ख़बर
आज कुछ उत्साही युवा हैं, जो उत्तराखंड में पलायन के दावे के बीच सरकार की रिवर्स मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ खुद रिवर्स माइग्रेशन किया, बल्कि उनसे प्रेरणा लेकर दूसरे युवा भी गांवों की ओर लौटने लगे हैं। मशरूम लेडी दिव्या रावत, गोट फार्मर श्वेता तोमर, डेयरी फार्मर हरिओम नौटियाल जैसे युवा प्रदेश में रिवर्स माइग्रेशन की मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं। रिवर्स माइग्रेशन की इन युवाओं की मुहिम रंग भी ला रही है, तमाम लोग इनसे ट्रेनिंग लेकर अब अपने गांव में खुद का काम कर रहे हैं। वे उजड़े घरों को फिर से आबाद करना चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि गांव का एक भी खेत-खलिहान बंजर रहे। रुद्रप्रयाग के गांव भीरी की रंजना रावत दिल्ली स्थित मल्टी नैशनल कंपनी में क्वॉलिटी ऑफिसर की जॉब कर रही थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम से प्रभावित होकर उन्होंने नौकरी छोड़ स्वरोजगार अपनाने का फैसला किया। आज रुद्रप्रयाग जिले में रंजना का नाम बागवानी, कृषि, मशरूम उत्पादन और फल संरक्षण के लिए जाना जाने लगा है। मात्र 24 साल की रंजना अब तक सैकड़ों लोगों को मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग देकर स्वावलंबी बना चुकी हैं।