जो दिल से रिगार्ड देता है, उसको दिल से रिगार्ड मिलता हैः गीता बहन
देहरादून। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र सुभाषनगर में सत्संग में राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी गीता बहन नेे निरहंकारी परमात्मा द्वारा दिया गया एक स्लोगन सभी को याद दिलाया ”रिगार्ड देना, रिगार्ड लेना”। दूसरे को रिगार्ड देना ही रिगार्ड लेना है। देने में लेना भरा हुआ है। रिगार्ड दो तो रिगार्ड मिलेगा। रिगार्ड लेने का साधन ही है, देना। आप रिगार्ड दो और आपको नहीं मिले, यह हो नहीं सकता। लेकिन दिल से दो, मतलब से नहीं। जो दिल से रिगार्ड देता है, उसको दिल से रिगार्ड मिलता है। मतलब का रिगार्ड देंगे तो मिलेगा भी मतलब का। सदैव दिल से दो और दिल से लो। इस स्लोगन द्वारा सदा ही निर्विघ्न, निरसंकल्प, निश्चिंत रहेंगे। ऐसी श्रेष्ठ आत्मा की श्रेष्ठ प्रालब्ध, वर्तमान और भविष्य निश्चित ही है। निश्चित है इसलिए निश्ंिचत हैं। तो मेरे दिल में सबके लिए रिस्पेक्ट हो। रिस्पेक्ट वही रख सकते हैं जिनके अंदर शुभ भावना है। अगर अनुमान और नफ़रत होगी तो प्यार भी गँवायेंगे, मान भी गँवायेंगे। युनिटी भी नहीं रह सकेगी। भल आपको गिराने के लिये किसी ने गड्ढा खोदा हो, लेकिन अगर आप सच्चे हैं, आपके दिल में उसके प्रति शुभ भावना है, तो भगवान आपकी रक्षा ज़रूर करेगा। आपको बचा लेगा। अंदर में कभी अशुभ भाव न हो। मैं कोई श्राप देने वाला दुर्वासा नहीें हूँ। मैं क्यों कहूँ- यह मुझे तंग करता, देखना इसकी क्या गति होगी! मैं क्यों बुरा सोचूँ! अगर मैंने अशुभ सोचा तो मुझे उसका सौ गुणा दण्ड मिलेगा क्योंकि मैं दुर्वासा बना । आप राजयोग द्वारा लव और रिस्पेक्ट से भगवान को मनाओ, तो आपे ही सब मान जायेंगे।