डा0 सविता एफआरआई की पहली महिला निदेशक बनी
डा0 सविता, भारतीय वन सेवा 1985 बैच, हिमाचल प्रदेश, उपमहानिदेशक (शिक्षा) भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद्, देहरादून ने डा0 पी0पी0 भोजवैद के अपने मूल कैडर में वापस जाने के बाद आज दिनांक 3 जून, 2015 को निदेशक वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून का कार्यभार ग्रहण किया। आपने वनस्पति विज्ञान एवं वानिकी में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की है और इसके अलावा आपके पास आई0आई0पी0ए0 से लोक प्रशासन में मास्टर डिप्लोमा और पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ से ग्रामीण विकास मंे एम0फिल की उपाधियां हैं। आपने यूनिवर्सिटी आॅफ वेस्टर्न सिडनी, आस्ट्रेलिया से एम0बी0ए0 भी किया है। डा0 सविता ने वन अनुसंधान संस्थान(सम) विश्वविद्यालय, देहरादून से गवर्नेंन्स इशूज इन फाॅरेस्ट मैनेजमेंट में पी0एच0डी0 की है।हिमाचल प्रदेश राज्य में विभिन्न पदों पर कार्य करने के अलावा आपने राष्ट्रीय महिला आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उपसचिव, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय, जनजातीय मामलों के मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में निदेशक के तौर पर कार्य किया है। आपने कुछ समय के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में प्रोफेसर (शैक्षिक) के रूप में भी कार्य किया और पांच वर्ष तक केन्द्रीय राज्य वन सेवा अकादमी, देहरादून में प्रधानाचार्य रहीं। उपमहानिदेशक (शिक्षा) के रूप में, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् में कार्य ग्रहण करने से पहले आपने दो वर्ष से अधिक समय तक हिमाचल प्रदेश में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (मानव संसाधन विकास) के रूप में कार्य किया। हालांकि डा0 सविता को प्रोफेसर (शैक्षिक) के रूप में वानिकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों के नियोजन, सूत्रीकरण एवं निष्पादन में व्यापक अनुभव है, आपको कार्बन न्यूनीकरण एवं कार्बन क्रेडिट के व्यापार साथ ही साथ रेड व रेड प्लस सहित जलवायु परिवर्तन एवं विश्व तापन जैसे विषयों में विशेष रूचि है।डा0 सविता को सहभागी ग्रामीण मूल्यांकन सहित संयुक्त वन प्रबंधन पद्वतियों में भी विशेषज्ञता हासिल है, जिसे सफलतापूर्वक हिमाचलप्रदेश राज्य में कार्यरूप में लाया जा रहा है। संयुक्त वन प्रबंध के दौरान आपको ग्रामीण समुदायों के साथ, उनकी आजीविका संबंधी मुद्दों के अलावा दैनिक मामलों पर अनुभव प्राप्त करने के लिए, कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ।वन अनुसंधान संस्थान के लिए यह गर्व का विषय है कि डा0 सविता ने संस्थान की पहली महिला निदेशक के तौर पर कार्य ग्रहण किया है। वास्तव में वह भारतीय वानिकी एवं शिक्षा परिषद् के 25 सालों के इतिहास में अब तक की पहली महिला उपमहानिदेशक है।