“तुम मुझे खून दो, मै तुम्हे आजादी दूँगा ” के नारों से गुजा आसमाँ
देहरादून । हर देश को अपनी स्वतंत्रता की भारी कीमत चुकानी पडती है और हमें भी इसके लिए बलिदान देना होगा। आजादी की मशाल जलाने वाले भारत के महान सपूत सुभाष चन्द्र बोस का नारा तुम मुझे खून दो, मै तुम्हे आजादी दूँगा। आज भी हमारे दिल में गूॅंजता है नेताजी ने जंगे आजादी लडाई हिम्मत और बहादुरी से लडी। आज सुभाष चन्द्र बोस की 122 वीं जयंती पर बुद्ववार को नगर निगम में समारोह का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय एकता परिषद उत्तरांचल संगठन द्वारा जयंती का आयोजन किया गया और इस अवसर पर नेताजी के जीवन पर आधारित स्मारिका का विमोचन भी किया गया। नेताजी भारतवर्ष की आजादी के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे। विदेशों में रहकर भी आजादी की लडाई लडी गई। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होने आजाद हिन्द फौज का गठन किया।जिसमें हर जाति,धर्म, सम्प्रदाय के सैनिक थे। सुभाष की बातों और भाषणों से देशवासी इतने अधिक प्रभावित हुए कि उनके साथ एक बहुत बडा काफिला खडा हो गया। 18 अगस्त 1945 को हवाई जहाज से सिंगापुर से टोकियों जाते समय उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। और स्वतंत्रता की लडाई का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अध्याय का अंत हो गया। त्याग और बलिदान की इस प्रतिमूर्ति को करोडो बार नमन है। उनका जीवन संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत रहा है इस अवसर स्कूली बच्चों ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये। समारोह में डाॅ0 एस फारूख, सुखमाल चन्द जैन, विग्रेडियर केजी बहल, रहे। पदाधिकारियों में डाॅं0 हरीश रतूडी, योगेश भटनागर, ऋषभ भण्डारी, संदीप अग्रवाल, राकेश महेन्दु प्रकाश जोशी, रामकिशन शर्मा अजय गुप्ता,सोमप्रकाश शर्मा आदि उपस्थि रहे।