दिल्ली के नमन और देहरादून के सुमित समेत 25 बच्चो को मिला वीरता सम्मान
नरेंद्र मोदी आज बच्चों राष्ट्रीय बाल वीरता सम्मान दिया | सम्मान पाने वालों में 13 लड़के और 12 लड़कियां हैं। 4 बच्चों को मरणोपरांत ये पुरस्कार दिया गया। जहां नमन 7 साल के बच्चे को बचाने के लिए 12 फीट गहरे पानी में कूद गए वही सुमित ममगई भाई को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गया | अमन दिल्ली के पीतमपुरा में रहते हैं। क्या हुआ था उस दिन: घटना हरियाणा के सोनीपत की है। नमन अपनी रिश्तेदारी में गया हुआ था। नमन के मुताबिक, ” उस दिन काफी गर्मी थी मैं अपने भाई के साथ नहर में नहाने जा रहा था। तभी मैने देखा कि एक 7 साल का बच्चा पानी में डूब रहा है। उसके मुंह में पानी भर गया था। मुझे बचपन से ही तैरना आता है। मैं तुरंत पानी में कूद गया। पानी करीब 12 फीट गहरा था। मैने बच्चे को पकड़ा और किसी तरह से किनारे पर लाया और उसके अंदर से पानी निकाला। भगवान का शुक्र था कि वह बच गया। सुमित उत्तराखंड के देहरादून में रहते हैं। क्या हुआ था उस दिन: सुमित ने बताया, “मैं और मेरा भाई (18 साल ) जानवरों का चारा लेने के लिए खेत गये हुए थे। पहले से ही तेंदुआ झाड़ियों में छिप कर बैठा था। जैसे ही हमने चारा काटना शुरू किया उसने मेरे भाई के पर हमला कर दिया। भाई पर हमला होने पर मैंने सोचा कि अगर वो भाई को खा गया तो घर जाकर क्या कहूंगा?” “मैने सोचा जिएंगे तो दोनों भाई, मरेंगे तो दोनों भाई। मैने अपनी पाठन (चारा काटने वाला औजार) से तेंदुए के पर कई हमले किए। तेंदुआ बहुत ताकतवर था उसने मुझ पर भी हमला कर दिया।” सुमित के मुताबिक, “मैं डरा नहीं और लगातार उस पर हमला करता रहा। इसलिए वो हमें छोड़ कर भाग गया।” सुमित के पिता सुरेश दत्त ममगई का कहना है- “जब बच्चों ने घर आकर इस घटना के बारे में बताया तो हमें यकीन नहीं हुआ कि ये बच्चे तेंदुए से भिड़ कर आए हैं।” लेकिन जब डॉक्टर्स ने बताया कि इनके जो जख्म है वो गुलदार के काटने के ही है, तब हमें यकीन हुआ। सुमित की बहादुरी की वजह से ही मेरे बड़े बेटे की जिंदगी बच पाई।”