देहरादून का पहले दौर में स्मार्ट सिटी से बाहर होना स्वाभाविक: मैड
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकिया नायडू द्वारा जारी की गयी स्मार्ट सिटी की लिस्ट से दून नदारद है| पहले साल में चुने हुए इन 20 शहरों को ही स्मार्ट बनाया जायेगा| जाहिर है, MDDA और राज्य सरकार का महत्वकांक्षी ग्रीनफ़ील्ड माडल जो सरकार ने चाय बगान कि भूमि पर प्रस्तावित किया था, वह अन्य शहरों के मुकाबले पिछड़ गया| देहरादून के शिक्षित छात्रों का संगठन, मेकिंग ऐ डिफ़्रेन्स बाई बीइंग द डिफ़्रेन्स (मैड) पहले से ही एक चरणबद्ध तरीक़े से देहरादून को वास्तव में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जन समर्थन के बूते पर एक व्यापक अभियान चलाता रहा था । स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से सन्दर्भ रखते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के सभी दिशा निर्देश पढ़ने के बाद इन युवाओं ने एम॰डी॰डी॰ए॰ के वाइस चेर्मन मीनाक्षी सुंदरम से भेंट करके शहर के स्वच्छता, सुरक्षा, स्ट्रीट लाइटिंग, पशुओं की देखभाल, सड़क की जर्जर हालत, यातायात पर नियंत्रण, टपकेश्वर- सहस्त्रधारा- गुच्छु पानी – लच्चीवाला की देखभाल समेत कई सुझाव उनको 5पन्नो की रिपोर्ट में दिए थे । मैड के संस्थापक अध्यक्ष अभिजय नेगी ने बताया की संस्था उम्मीद करती है कि सरकार अब आत्मचिंतन करके शहर व् प्रदेश के लिए नीतियाँ उसके पर्यावरण के अनुकूल बनाने का प्रयास करेंगी| मैड शोध करके चुने हुए 20- शहरों के विकास माडल को देहरादून के भेजे प्रस्ताव से भी मिलाकर देखेगा|