नगर निगम : कार्यबहिष्कार से वार्डों में सफाई व्यवस्था चरमराई
देहरादून। नगर निगम के बढ़े नये वार्डों में सफाई के लिए रखे गए 120 सफाई कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से सभी वार्डों में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। स्थिति यह हो गई है कि पुराने वार्डों में तैनात कर्मचारियों को नए वार्डों में सफाई के लिए भेजा जा रहा है। एक सुपरवाईजर के जिम्मे चार वार्ड कर दिए गए हैं। एक सफाई निरीक्षक को 8से 9 वार्डों में सफाई व्यवस्था देखने की जिम्मेदारी सौंप दिया गया है। लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि नगर निगम में पहले ही सफाई कर्मचारियों की भारी कमी है इसके बावजूद भी सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर शासन प्रशासन क्यों गंभीर कदम नहीं उठा रहे हैं। जिसके चलते नए वार्डों में गंदगी के ढेर लगने शुरू हो गए हैं। यही नहीं इस समस्या से आम जनता में भी निगम प्रशासन के विरुद्ध रोष व्याप्त होने लगा है, आउट सोर्स से सफाई कार्य के लिए कर्मचारियों की भर्ती का नगर निगम सफाई कर्मचारी यूनियन ने कड़ा विरोध किया है। यूनियन के अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि पहले निगम अधिकारियों ने 120 कर्मचारियों को दैनिक वेतन पर भर्ती करने की बात कही थी लेकिन अब वे उन्हें आउट सोर्स कर्मचारी बता रहे हैं,जो कि हमे किसी सूरत में मंजूर नहीं है। वहीं अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ जिला अध्यक्ष आशीष कुमार ने कहा कि मोहल्ला स्वच्छता समिति के कर्मचारियों ने भी 15 वर्षों तक उत्पीड़न सहा, पूर्व प्रदेश सरकार ने समिति के 408 कर्मचारियों को संविदा पर समायोजित करने का शासनादेश किया था किन्तु निगम अधिकारियों की यह कर्मचारी संविदा पर होने से वंचित रह गए। वर्तमान भाजपा सरकार ने वायदा किया था कि सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जायेगी, निकाय चुनाव से पूर्व अपने घोषणा पत्र में भी भाजपा ने यह बात दोहराई थी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद अब भाजपा के मेयर सुनील उनियाल गामा द्वारा सफाई कर्मचारियों की भर्ती को आउट सोर्स पर करने की बात कही जा रही है। संघ सफाई कर्मचारियों का उत्पीड़न किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा और सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा |