नगर निगम में 67 गांवों को जोड़ने का हुआ विरोध
देहरादून। हमारा उत्तरजन मंच (हम) द्वारा हिंदी भवन में नगर निगम की सीमा विस्तार के मायने विषय पे एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमे देहरादून के कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। हम के अध्यक्ष रणबीर चैधरी ने अपनी बात रखते हुए बताया कि किस प्रकार सरकार षड़यंत्र के तहत देहरादून के गांवों की जमीनों को खुर्द-बुर्द करने की तैयारी में जुटी हुई है। अभी तक गांवों में बाहर का कोई भी व्यक्ति 250 वर्ग मीटर से ज्यादा कृषि भूमि क्रय नही कर सकता जबकि नगर निगम में आने के बाद बाहर का कोई भी व्यक्ति कितनी भी जमीन खरीद सकता है। यहां की सरकार उत्तराखंड की जमीनों पे यहां के लोगों का मालिकाना हक छिनना चाहती है, इसीलिए बिना चर्चा के यह निर्णय ले लिया गया। जो नगर निगम अपनी 7000 बीघा भूमि में से 6000 बीघा जमीन अनेकों तरीके से गँवा चुका है, तो वो नगर निगम नये सम्मलित हो रहे गांवों की सरकारी जमीनों की सुरक्षा कैसे करेगा, ये संदेहास्पद है। समीर मुंडेपी ने कहा कि नगर निगम से शहर के 60 वार्डाे का कूड़ा ही नही उठ पा रहा है तो नए सम्मलित किये जाने वाले ओर 67 गांवों का कूड़ा नगर निगम कैसे उठाएगा। जो नगर निगम हमेशा संसाधनों का रोना रोता रहता है वो लोगों को आश्वस्त करे कि वो बिना पैसों के कैसे इन क्षेत्रों में सुविधाएं देगा। इस अवसर पे बैंक एसोसिएशन से जगमोहन मेहंदीरत्ता, डॉ मुकुल शर्मा, लोकहित सेवा समिति से कर्नल आर. एस बिष्ट, अपना परिवार से पुरुषोत्तम भट्ट, अपने सपने से अरुण यादव, आंदोलनकारी मंच से सुलोचना भट्ट एवं निर्मला बिष्ट, संवैधानिक मंच से दौलत कुंवर, गढ़वाल सभा से रोशन धस्माना, आर टी आई क्लब से मनोज ध्यानी, प्रतिष्ठा फाउंडेशन से दीपक कोठियाल, उत्तराखंड अगेंस्ट करप्शन से उदयवीर पंवार, बार एसोसिएशन से आलोक घिल्डियाल, आगाज फेडरेशन से जे.पी मैठाणी, धाद से तन्मय ममगाईं, गूंज से अजय पैन्यूली, संयुक्त नागरिक मंच से गगन अहलूवालिया, बद्री केदार सभा से बी.पी किमोठी, स्वतंत्रा संग्राम सेनानी मंच से सुशील त्यागी, जनपग प्रेरणा समिति से सोनिया बेनीवाल, उत्तरजन से मधु बिष्ट,सालावाला विकास समिति से मनोज बिजल्वाण, फ़ॉर दी पीपुल से अरुण ढोंढ़ीयाल, जनक्रांति विकास मोर्चा से अमित जैन, एक कदम बदलाव की ओर से हरीश कुनियाल, हम की तरफ से अब्दुल रेहमान, सुजाता, सुनीता, हेमलता पंत, गोविंद बिष्ट, सहित कई संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।