नदियों के पुनर्जीवन पर ठोस कदम उठाये सरकार : मैड
देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन मेकिंग ए डिफ्रेंस बाए बीईंग द डिफ्रेंस (मैड) ने बुधवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में देहरादून की सिकुड़ती जल धाराओं (रिस्पना, बिंदाल एवं सुसवा) नदियों के पुनर्जीवन के संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से हुई अपनी वार्ता का ब्योरा दिया। मंगलवार को हुई इस बैठक में मैड के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान (NIH), रुड़की द्वारा बनाई गई रिपोर्ट की एक प्रति साझा करी जिसमें रिस्पना को बारहमासी नदी का दर्जा दिया गया था एवं बिंदाल में भी अस्सी के दशक तक हमेशा जल होने की बात की गई थी। इस रिपोर्ट के जरिए राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रुड़की द्वारा एक करोड़ रुपए की मांग की गई थी ताकि पुनर्जीवन एवं आगे के शोध किए जा सकें। गौरतलब है कि मैड संस्था के कई अभियानों के बावजूद राज्य सरकार द्वारा अब तक इस मांग पर कोई अमल नहीं हुआ, और नदियों के पुनर्जीवन के लिए राज्य सरकार एक करोड़ रुपए की राशि खर्च करने को अब तक तैयार नहीं थी। इसके संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्सुकता दिखाई और उक्त मांग को गंभीरता से लेने की बात कही। इस बैठक में मैड के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री का ध्यान केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के उस आदेश पर भी आकर्षित किया जिसमें रिस्पना-बिंदाल नदियों को गंगा बेसिन का भाग घोषित किया गया था। अप्रैल २०१६ में जारी हुए इस आदेश को, देश के तत्कालीन केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को मैड द्वारा प्रस्तुति देने के बाद संभव हुआ था। मुख्यमंत्री रावत ने इस आदेश का स्वागत करते हुए आश्वासन दिया कि नदियों को बचाने के कार्यक्रम उक्त आदेश के अनुरूप किए जाएंगे। अपनी प्रस्तुति में मैड ने नदियों के तलों पर बसे लोगों के पुनर्वास की मांग उठाई और साफ किया कि रिस्पना नदी में केलाघाट से मक्रैत तक के क्षेत्र में सरकार निर्माण पर प्रतिबंध लगाने पर गौर करे। गौरतलब है कि यह बात तब भी उभर कर आई थी जब जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने अगस्त २०१५ में जनपद के सभी विधायकों, विभागीय अधिकारियों एवं मैड प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी। उक्त बैठक के मिनट भी संस्था ने अपने द्वारा दिए गए ज्ञापन के साथ प्रेक्षित किए, ताकि पिछली सरकार की घोषणाएं जिन पर अमल नहीं हुआ था, उन पर अमल हो। संस्था की समन्वयक स्वाती सिंह एवं सदस्य करन कपूर, विश्वास पांडेय, विजय प्रताप सिंह समेत अन्य भी मौजूद रहे।