नेत्रदान कर दूसरों की जिंदगी में लाए रोशनी : डॉ धन सिंह रावत
देहरादून। राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज 37वें राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाडे का विधिवत शुभारम्भ किया। उन्होंने नेत्रदान के लिये स्वयं को संबंधित पोर्टल पर पंजीकृत कर नेत्रदान के लिये शपथपत्र भी भरा। उनके साथ ही मेयर देहरादून सहित एक दर्जन जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने नेत्रदान के लिये पंजीकरण कर शपथपत्र भरा। डॉ0 रावत ने कहा कि आज से प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर नेत्रदान किये जाने हेतु जनजागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है। जिसमें लोगों को जरूरतमंदों के लिये नेत्रदान हेतु जागरूक करते हुये विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण कर शपथपत्र भराया जायेगा।
नगर निगम देहरादून के प्रेक्षागृह में आयोजित नेत्रदान पखवाडे के शुभारम्भ अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार जन अपेक्षाओं के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार कर रही है। उन्होंने आज से आगामी 8 सितम्बर तक चलने वाले नेत्रदान पखवाड़ा का विधिवत शुभारम्भ किया। डॉ0 रावत ने कहा कि आगामी 15 दिनों तक इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। जिसके तहत जिला से लेकर ब्लॉक स्तर के सरकारी अस्पतालों में विभिन्न संचार माध्यमों, बैनर, पोस्टर एवं होर्डिंग के साथ ही गोष्ठियों के माध्यम से आम लोगों के नेत्रदान के लिये जागरूक किया जायेगा साथ ही नेत्रदान के लिये इच्छुक लोगों का ऑनलाइन एवं ऑफलाइन पंजीकरण कराया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में मात्र तीन नेत्र बैंक स्थापित हैं, निकट भविष्य में प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं बड़े अस्पतालों में भी नेत्र बैंक की स्थापना की जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में श्रीलंका पूर्व विश्व में एकमात्र देश है जहां पर सर्वाधिक नेत्रदान किया जाता है। इसी तर्ज पर प्रदेश में भी नेत्रदान के लिये कार्ययोजना बनाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शीघ्र ही प्रदेशभर में नेत्र परीक्षण शिविरों का आयोजन कर इस वर्ष एक लाख मोतिया बिंद के रोगियों का निःशुल्क ऑपेशन कर चश्मा भी वितरित किया जायेगा।
डॉ0 रावत ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुये कहा कि वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त उत्तराखंड के लिये भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा कुष्ठ रोग निवारण, धुम्रपान निषेध एवं तम्बाकू मुक्त उत्तराखंड, संस्थागत प्रसव बढ़ाने, आयुष्मान कार्ड बनाने, जच्चा-बच्चा टीकाकरण, कोविड टीकाकरण, राजकीय अस्पतालों में निःशुल्क पैथौलॉजी जांच एवं दवा वितरण, शिशु एवं मातृ मृत्युदर घटाने सहित अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूबे के दूरस्त क्षेत्रों के गंभीर रोगियों एवं दुर्घटनाओं में गंभीर रोगियों के लिये एयर एम्बुलेंस सेवा वरदान साबित हो रही है।