नेपाल से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मांगी मदद, जानिए खबर
देहरादून। खराब मौसम के कारण तिब्बत के पास नेपाल के पहाड़ी इलाके में कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए करीब 1500 भारतीय तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नेपाल से मदद मांगी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को अपने ट्वीट के जरिए मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि करीब 525 तीर्थयात्री सिमिकोट में, 550 तीर्थयात्री हिलसा में और करीब 500 तीर्थयात्री तिब्बत के पास फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कहा कि भारत ने नेपाल सरकार से वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिये सेना का हेलीकॉप्टर देने का आग्रह किया है। बता दें कि नेपाल के जरिए कैलाश-मानसरोवर की यात्रा पर गए कई तीर्थयात्री खराब मौसम के चलते नेपालगंज-सिमिसाकोट-हिलसा रूट पर फंस गए हैं। काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने बयान जारी करते हुए कहा कि वह इस रूट के हालातों पर नजर बनाए हुए है। 3 जुलाई की सुबह से मौसम के हालात कुछ सुधरे हैं, लेकिन उड़ानों के संचालन में अभी भी दिक्कतें आ रही हैं। काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक इन तीर्थयात्रियों की वहां से निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही चिकित्सा सुविधा और खाने-पीने की व्यवस्था भी की जा रही है। ताजा सूचना के अनुसार सिमिकोट में 525, हिलसा में 550 और तिब्बत की तरफ 500 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने प्रतिनिधियों को नेपालगंज और सिमिकोट भेजा है, जो वहां फंसे सभी तीर्थयात्रियों के संपर्क में हैं। उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है, साथ ही उनके वहां रहने और खाने-पीने की बेहतर व्यवस्था की जा रही है। विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया है कि सिमिकोट में चिकित्सकों की टीम भेजी गई है, ताकि बुजुर्ग तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सेवाएं मिल सकें और उनके स्वास्थ्य की जांच होती रहे। साथ ही गंभीर मामलों में उन्हें चिकित्सा उपचार और मेडिकल काउंसलिंग भी दी जा रही है। सिमिकोट में मौजूद दूतावास के प्रतिनिधि हिलसा पुलिस चेकपोस्ट के पुलिस अधिकारियों के संपर्क में भी हैं। उनसे अनुरोध किया गया है कि वे सुनिश्चित करें कि सभी तीर्थयात्रियों का ख्याल रखा जाए। वहीं, इन तीर्थयात्रियों को वहां से निकालने के लिए वैकल्पिक रास्ते पर भी विचार किया जा रहा है। दूतावास ने नेपाल की ओर से अपर्याप्त चिकित्सा और नागरिक सुविधाओं का हवाला देते हुए सभी टूर ऑपरेटर्स से तिब्बत की तरफ से गए तीर्थयात्रियों को कुछ समय तक वहीं रोकने के लिए भी कहा है। साथ ही मिशन ने स्थानीय एयरलाइंस से अतिरिक्त एयरक्राफ्ट को तैयार रखने के लिए कहा गया, ताकि मौसम साफ होते ही नेपालगंज और सिमिकोट में फंसे तीर्थयात्रियों को जल्द से जल्द निकाला जा सके। इसके अलावा इन तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए सिमिकोट-सुरखेत सिमिकोट-जुमला सिमिकोट-मुगु जैसे दूसरे रूटों का भी इस्तेमाल करने को कहा है। वहीं, बीमार लोगों को जल्द से जल्द निकालने के लिए नेपाल सेना के हैलीकॉप्टर्स की भी मदद ली जा रही है।