पतंजलि की सहयोग से बनेगा दो संस्कृत महाविद्यालय , जानिये खबर
देहरादून | प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने सचिवालय में शिक्षा विभाग के कार्यो की प्रगति की समीक्षा की। बैठक के दौरान विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से दूरभाष पर डीआईसी तथा सीआईसी के गोदामों में गत वर्ष जमा की गई किताबों के सरकारी विद्यालयों में वितरण की अद्यतन जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारियों को डीआईसी एव सीआईसी के गोदामों से विद्यालयों को ससमय किताबे वितरित न कर पाने के लिए जिम्मेदारी कार्मिकों/अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए। विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने सख्त निर्देश दिए कि राजीव गांधी विद्यालयों तथा राज्य के संसाधनों से संचालित अन्य अवासीय विद्यालयों में भोजन की ई-ट्रेडिंग एक ही तिथि को पूरे प्रदेश में एक समय पर की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि राजीव नवोदय विद्यालयों में दाखिले के समय ऐसे छात्र-छात्राओं को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्होंने कम से कम तीन वर्ष सरकारी प्राथमिक विद्यालयो में शिक्षा ग्रहण की हो। एक शिक्षिका के विरूद्ध सोशल मीडिया पर अश्लील पोस्ट मामले में शिक्षा विभाग के एक कार्मिक की संलिप्तता को गम्भीरता से लेते हुए पाण्डेय ने उक्त कार्मिक पर तुरन्त कड़ी विभागीय कार्यवाही करने के साथ ही पुलिस कार्यवाही के निर्देश दिए। विद्यालयी शिक्षा मंत्री श्री पाण्डेय ने निर्देश दिए कि शिक्षा विभाग के ऐसे शिक्षक जो दुर्गम क्षेत्रो या एक ही स्थान पर बीस वर्ष से अधिक सेवा दे रहे है, उनका स्थान्तरण शीघ्र से शीघ्र अन्यत्र किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अक्षयपात्र (स्कूलों के लिए क्रेन्दीकृत रसोई व भोजन आपूर्ति) की योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेशभर के सभी सरकारी स्कूलों में एक ही रंग की वर्दी लागू करने का प्रस्ताव बनाने को कहा। इसके साथ ही पाण्डेय ने विद्यालयों में प्राथमिकता के आधार पर जलापूर्ति, शौचालयों की उपलब्धता, बिजली आपूर्ति, घूमन्तू, अनाथ व भिक्षावृति करने वाले असहाय बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था, विद्यालयों की भवन व अन्य निर्माण कार्यो की गुणवता व भवन निर्माण कार्यो का वर्तमान की आवश्यकता के अनुसार होना, विद्यायली भूमि का समुचित उपयोग, विद्यालयी भवनो में सोलर रूफटाॅप लगाने की पहल के निर्देश दिए गए। विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने राज्यभर के स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात को एक जुलाई तक संतुलित करने के कड़े निर्देश जारी किए। बैठक के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि एनसीईआरटी की पुस्तके लागू के होने के बाद से प्रदेशभर के सरकारी विद्यालयों में छात्रों के दाखिले की संख्या 50000 से बढ़कर 85000 तक की हो गई हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्कृष्ट अध्यापकों को सम्मानित करने हेतु एक पुरस्कार चयन समिति गठित की जाए। यह समिति धरातल स्तर पर निरीक्षण कर अच्छा कार्य करने वाले अध्यापकों का चयन करें। राज्य सरकार सेवा की भावना से कार्य करने वाले शिक्षकों का सम्मान व हर सम्भव सहयोग करना चाहती हैं। विद्यालयी शिक्षा मंत्री कि गढ़वाल व कुमाऊॅं में पंतजलि के सहयोग से एक-एक संस्कृत आवासीय विद्यालय स्थापित किया जाएगा। राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थिति में सुधार के लिए सुझाव देने हेतु आचार्य बालकृष्ण की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी।
बैठक में सचिव डा0 भूपिन्दर कौर औलख व शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।