पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों ने राजनाथ सिंह को मांग-पत्र पेश किया
पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष लाभा राम गांधी के नेतृत्व में आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें एक मांग-पत्र प्रस्तुत किया। मांग-पत्र में जम्मू-कश्मीर में नागरिकता, जम्मू-कश्मीर में पुनर्वास के लिये विशेष पैकेज, राज्य चुनावों में मताधिकार और चुनाव लड़ने का अधिकार, जमीन का आबंटन, विशेष भरती, तकनीकी/व्यावसायिक संस्थानों में शिक्षा का अधिकार, एससी/ओबीसी प्रमाणपत्र प्रदान करना शामिल है। प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के लिये राहत आयुक्त को नियुक्त करने की भी मांग की ताकि उनकी शिकायतों को दूर किया जा सके। प्रतिनिधिमंडल की भावनाओं की कद्र करते हुये श्री राजनाथ सिंह ने प्रतिनिधमंडल को आश्वस्त किया कि वे इस मामले को देखेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया है जो उनके दैनंदिन के विषयों को हल करने के लिये शरणार्थी समुदाय के साथ विशेष समन्वय स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय एक उपयुक्त प्रावधान पर काम कर रहा है ताकि राज्य सरकारों द्वारा पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को एससी/एसटी/ओबीसी प्रमाणपत्र जारी न करने सम्बंधी समस्याओं का निपटारा हो सके। पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी जम्मू-कश्मीर में बसे हैं और वे भारत के नागरिक हैं और उन्हें संसदीय चुनाव में वोट देने का अधिकार है। हालांकि वे जम्मू-कश्मीर संविधान के संदर्भ में राज्य के स्थायी नागरिक नहीं हैं। उन्हें विधान सभा और स्थानीय निकायों के चुनावों में वोट देने का अधिकार नहीं है। जम्मू-कश्मीर में बसे पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों को जम्मू-कश्मीर के संविधान के दायरे में स्थायी निवासी का दर्जा प्रदान करने से उन्हें राज्य सरकार की नौकरियां प्राप्त करने, राज्य तकनीकी/व्यावसायिक संस्थानों में प्रवेश लेने और जम्मू-कश्मीर राज्य में जमीन/अचल सम्पत्ति खरीदने/प्राप्त करने में सुविधा होगी।