पहचान : अपने सपने को साकार कर रही देहरादून की शेफ सुनीता निर्मोही
देहरादून | जब कुछ अच्छा कर गुजरने की चाहत हो तो वह पूरा जरूर होता है इस लाइन को सत्य किया है देहरादून की सुनीता निर्मोही ने | सुनीता निर्मोही को कुकिंग करने बहुत ही शौक है अब इस शौक को वह अपना हुनर बना लिया है आज वर्तमान समय मे देहरादून में शेफ के रूप में जाना पहचाना नाम बन रहा है |
इसी कड़ी में सुनीता निर्मोही अपने परिचय को इस प्रकार साझा किया
मैं अपने इस हुनर को बाँटना चाहती हूं। मेरी तरह बहुत सी ऐसी महिलाए है जो बहुत अच्छा खाना बनाती होगी आगे भविष्य में ऐसी ही महिलाओं के लिए कुछ करना चाहती हूँ इससे उनको रोजगार की मिलेगा इस दौर की महिलाए बहुत ही सशक्त है अपने नाम को ऊचाईयों तक पहुँचा सकती है, इन के लिए मेहनत करनी बहुत जरूरी है मैं एक संगठन की जॉइंट सेक्रेटरी हूँ उत्तराखंड कुलिनरी फोरम के नाम से एक संगठन बनाई
वैसे तो मैं 7 साल की उम्र में कुकिंग करनी शुरू कर दी थी लेकिन तब पता नहीं था की यही मेरा कुकिंग का शौक आगे चलकर मेरा पैशन और प्रोटेक्शन दोनों बन जायेगा कुछ सोचा नहीं था कि कुकिंग के इस शौक से मुझे मेरी पहचान मिलेगी।लेकिन ये पहचान ऐसी ही नहीं मिली बहुत मुश्किलो भरा रास्ते तय करने बाद मुकाम हासिल किया। हमारे समय में लड़कियों की अगर अच्छा खाना बनाना आता था तो सब बड़ बुजुग यही बोलत ससुराल अच्छा मिलेगा गुणी लड़की है मेरे घर मे मुझे की कुछ इस तरह की बात बोली जाती थी 20 साल की उम्र और शादी बच्चे घर आदि की जिम्मेदारियां । बहुत उतार चढ़ाव आऐ जिंदगी में लेकिन मैं कुकिंग करनी नहीं छोड़ी शुरुआत इतनी अच्छी नहीं कि लेकिन हिम्मत नहीं हारी बस अलग-अलग छोटे-छोटे प्रोग्राम,में प्रतिभाग किया अपना कुकिंग प्रतिभा दिखाया बहुत खिताब जीते छोटे-छोटे स्टाल लगाए रात-रात को कुकिंग करती रही बस अपने काम को कहि छोड़ा नहीं आगे बड़ी मुश्किलो से लड़ी और आज देहरादून में tacos fussion brasserie के नाम से मेरा अपना एक कैफ़े है | वो कहते हैं न हम मेहनत करेंगे तो सफलता हमारी कदम चूमेगी।