पहचान : गुंजन गरीब बच्चों के पढाने के सपने से बनी आईएएस
कानपुर | मूलरूप से कानपुर, उत्तर प्रदेश की रहने वाली गुंजन उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई कानपुर में ही हुई | चूंकि इस समय गुंजन के दिमाग में यूपीएससी दूर-दूर तक नहीं था इसलिए उन्होंने अपने पुराने प्लान के हिसाब से जेईई का एंट्रेंस दिया और सेलेक्ट होकर आईआईटी रुड़की चली गईं | यहां से गुंजन ने ग्रेजुएशन पूरा किया | इसी दौरान वे इंटर्नशिप के लिए पास के गांव गईं और बच्चों को पढ़ाया | यही वो वक्त था जब गुंजन को ऐसे किसी क्षेत्र को ज्वॉइन करने का ख्याल आया जिससे समाज के गरीब तबके की मदद की जा सके | तभी उन्हें लगा कि यूपीएससी के माध्यम से यह ख्वाहिश पूरी की जा सकती है | इस विचार के साथ गुंजन ने यूपीएससी की तैयारी आरंभ कर दी | इसके पहले उन्होंने एक कंपनी में एक साल नौकरी भी की लेकिन तैयारी के पहले गुंजन ने जॉब छोड़ना उचित समझा | गुंजन सिंह उन उम्मीदवारों में से नहीं आती जो हमेशा से यूपीएससी के क्षेत्र में आने का सपना देखते हैं | जीवन के कुछ अनुभव उन्हें इस ओर रुख करने के लिए प्रेरित करते हैं और इरादे की पक्की गुंजन कई असफलताओं के बावजूद हिम्मत नहीं हारती और लगी रहती हैं | अंततः अपने दृढ़ निश्चय से वे मंजिल तक पहुंच ही जाती हैं. गुंजन को यह सफलता अपने तीसरे प्रयास में मिली | साल 2019 में गुंजन ने ऑल इंडिया रैंक 16 के साथ यह परीक्षा पास की | इसी के साथ उनका आईएएस बनने का लक्ष्य पूरा हुआ |