पहचान : प्रेम हिंदवाल ने लोकसंस्कृति के लिए अपने जीवन को किया समर्पित
देहरादून | उच्च क्षण को धन से नही हौसलों से प्राप्त किया जा सकता है यह कथन प्रेम हिंदवाल के ऊपर सटीक बैठता है | प्रेम हिंदवाल हिमालयी राज्य उत्तराखंड के जनपद चमोली के ग्राम सिंहधार पो,जोशीमठ चमोली के मूलनिवासी है तथा सुप्रसिद्ध लोक कलाकार हैं। पिछले लगभग 30 वर्षो से जनपद चमोली के सीमांत क्षेत्र,में निवासरत भोटिया जनजाति की संस्कृति के संरक्षण पर निरन्तर कार्य कर रहे है। हिंदवाल ने गांव से लेकर विकासखंड,जिला,मंडल प्रदेश तथा राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड के लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां दी है तथा इन सभी स्तरों पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं /प्रदर्शनों में जीत हासिल की है। भारतवर्ष के अनेक राज्यों जैसे-पंजाब,हरियाणा,उत्तर प्रदेश,दिल्ली ,असम,उड़ीसा,कर्नाटक,मुंबई ,गुजरात,राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं झारखण्ड आदि राज्यों में उत्तराखंड की लोकसंस्कृति की प्रस्तुति दे चुके हैं।
उत्तराखंड में विलुप्त होते लोकवाद्य यंत्र ढोल-दमाऊ पर किया उत्कृष्ट कार्य
जानकारी हो कि प्रेम हिंदवाल द्वारा उत्तराखंड में विलुप्त होते लोकवाद्य यंत्र ढोल-दमाऊ पर उत्कृष्ट कार्य किया है। हिंदवाल द्वारा इन वाघ यंत्रों पर आधारित सरकारी योजना के अंतर्गत ‘गुरु-शिष्य परंपरा योजना’ के अंतर्गत कार्य किया।वर्ष 2006-2007 में नॉर्थ जोन कल्चर सेंटर पटियाला द्वारा संचालित योजना में प्रेम हिंदवाल ने लगभग 15 से 20 नव योवको को प्रशिक्षण दिया। वर्ष 2009-2010 में उत्तराखंड संस्कृति विभाग द्वारा गुरु-शिष्य परंपरा योजना के तहत 20 नवयोवकों को ढोल दमाऊ का प्रशिक्षण भी दिया है।
कई पुरस्कारों से हो चुके है सम्मानित
वर्ष 2013 में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जूनियर फेलोशिप अवार्ड प्राप्त किया। प्रेम हिन्दवाल लोकवाद्य यंत्र पर अनुसंधान किया गया जिसकी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी गई। इस फेलोशिप को प्राप्त करने वाले हिन्दवाल उत्तराखंड राज्य प्रथम लोक कलाकार हैं। प्रेम हिन्दवाल ने भोपाल मध्यप्रदेश में इंद्रा गांधी राष्ट्रीय मानव सग्रहालय की प्रदर्शनियों के विकास और आयोजनों की सफलता में उल्लेखनीय योगदान दिया । इन्होंने सग्रहालय की मुक्ताकाश प्रदर्शन हिमालय ग्राम मे भोटिया जनजाति के पारंपरिक आवास प्रकार के निर्माण में संग्रहालय को अपना उल्लेखनिय सह्योग प्रदान किया । इसके तहत इन्होंने उत्तराखंड राज्य के सीमांत विकासखंड जोशीमठ क्षेत्र मे स्थित ग्राम मलारी के एक मकान का प्रारूप शिल्प बनवाया । जिसे देखने के लिए दोरदराज से हजारों लोग जाते हैं । और पर्यटको के आकर्षण का केंद्र है वर्ष 2003 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव सग्रहालय ने अपने स्थापना दिवस प्रेम हिदवाल के आछे कार्य को देखते हुए सम्मानित किया। प्रेम हिदवाल ने नेहरू युवा केन्द्र के तहत चलाई गई में योजनाओ के तहत क्रियान्वयन में अपना योगदान दिया । नेहरू युवा केद्र द्वारा संचालित राष्ट्रीय एकता शिविर में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व किया है तथा 2011-12 में इनको सर्वश्रेष्ठ युवा का पुस्कार भी दिया गया । प्रेम ने युवा कल्याण द्वारा आयोजित युवा महोत्सव के तरह राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओ में दो बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है |
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में मिला प्रथम स्थान
यही नही सर्व शिक्षा आभीयान के अंतर्गत बालिका शिक्षा के प्रचार प्रसार हेतु प्रस्तुतियों में भी अपना योगदान दिया । विगत वर्ष 27,28,29 दिसंबर 2019 को छत्तीसगढ़ में अयोयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में उत्तरखंड का प्रतिनिधित्व किया तथा इसमें इनकी टीम ने लोकनृत्य में पूरे भारतवर्ष में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने उत्तराखंड राज्य का नाम रोशन किया है |