पाँचवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पतंजलि के साथ पूरे विश्व ने लिया योग का लाभ
हरिद्वार | पाँचवे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पतंजलि के साथ पूरे विश्व ने योग का लाभ लिया। इस अवसर पर योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज ने नांदेड़, महाराष्ट्र से योग का शंखनाद किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस के साथ उपस्थित लाखों योग साधकों ने योग का अभ्यास किया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज के जीवन पर एक पुस्तक ‘मेरा जीवन मेरा मिशन’ का भी विमोचन किया गया। पतंजलि योग समिति के माध्यम से देश के समस्त 650 जिलों, पतंजलि योगपीठ तथा हरिद्वार स्थित पतंजलि की समस्त इकाइयों में आयुष मंत्रलय, भारत सरकार के कॉमन योग प्रोटोकॉल के तहत योग का अभ्यास कराया गया। पतंजलि की विविध इकाईयों में योगदिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जहाँ पतंजलि के अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं, वानप्रस्थियों तथा आजीवन सेवाव्रती भाई-बहनों ने अपनी सहभागिता दर्ज करायी। बैठकर करने वाले आसनों में वज्रासन, अर्द्धउष्ट्रासन, शशकासन, वक्रासन आदि का अभ्यास कराया गया। पेट के बल लेटकर करने वाले आसनों में मकरासन, भुजंगासन तथा शलभासन का आदि अभ्यास कराया गया। पीठ के बल करने वाले आसनों में उत्तानपादासन तथा पवनमुक्तासन का अभ्यास कराया गया। इसके पश्चात् प्राणायाम के क्रम में कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, भस्त्रिका, उद्गीथ, शीतली तथा शीतकारी प्राणयाम कराया गया। ध्यान सत्र के उपरान्त सभी उपस्थित योग साधकों को नियमित योग का संकल्प दिलाया गया। शान्तिपाठ के साथ योगसत्र का समापन हुआ। कार्यक्रम के समापन उद्बोधन मेें मुख्य महाप्रबंधक (ट्रस्ट) ललित मोहन ने योग साधकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि योग भारत की प्राच्य ऋषि परम्परा की अनुपम भेंट है। इससे मनुष्य का न केवल शारीरिक, मानसिक अपितु सर्वांगीण विकास होता है। योग मात्र व्यायाम नहीं अपितु सम्पूर्ण जीवन पद्धति है। योग के नियमित अभ्यास से मनोदैहिक रोगों का समाधान स्वतः ही हो जाता है। आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में तनाव, अवसाद व रोगी काया सामान्य सी बात है। इन सब व्याधियों से निजात पाने का एकमात्र साधन योग ही है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन से विश्व में एकता व विश्वबंधुत्व की भावना विकसित होगी। पतंजलि योगपीठ-2 के योगभवन में संचालित कार्यक्रम में आचार्यकुलम् से बहन ऋतम्भरा , निदेशक एल.आर. सैनी, प्राचार्या वंदना मेहता, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. डी.एन. शर्मा, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल, स्वामी परमार्थदेव, बहन अंशुल, बहन पारुल आदि उपस्थित रहे।