पुण्यतिथि पर याद किए गए पूर्व राष्ट्रपति एपीजी अब्दुल कलाम
देहरादून। मिसाइल मैन के रूप में प्रसिद्ध वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम को चौथी पुण्यतिथि पर देहरादून में उन्हें याद किया गया। उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र(यूसर्क) के सभागार में भारतीय विज्ञान लेखक संघ और विज्ञान के सरोकार से जुड़ी श्पहलश् संस्था द्वारा यह गोष्ठी आयोजित की गई। यूसर्क द्वारा गोष्ठी का सीधा प्रसारण यूसर्क से सम्बद्ध साइंस इंस्टिट्यूट, विद्यालय के छात्रों के लिए ई नेटवर्किंग के जरिये किया गया। गोष्ठी में प्रसिद्ध वैज्ञानिक और कलाम के मित्र डॉ. धीरेंद्र शर्मा ने कहा कि मिसाइलमैन कलाम एक गैर राजनीतिक सोच वाले इंसान थे। जिन्होंने नई पीढ़ी को तराशने, भारत को सशक्त, सामर्थ्यवान बनाने में अहम भूमिका अदा की। वे उच्चकोटि के वैज्ञानिक के साथ ही सफल मार्गदर्शक, अच्छे प्रशासक, कवि संगीतकार व प्रकृति प्रेमी भी थे। गोष्ठी के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय कवि व कलाम के सुरक्षा अधिकारी रह चुके राधाकृष्ण पन्त ने कहा कि कलाम एक महान वैज्ञानिक होने के साथ ही एक आदर्श राष्ट्रपति व युवाओं के प्रेरणा स्रोत रहे हैं। वे एक असाधारण व्यक्तित्व के असाधारण व्यक्ति थे। वे राष्ट्र निर्माण और मानव कल्याण के लिए जीवन भर अंतिम सांस तक समर्पित रहे। सचमुच में उन्हें भारत का मसीहा कहा जाए तो अतिशयोक्ति नही होगी। उन्होंने कहा कि कलाम ने जब यह जाना कि वे उत्तराखंड के रहने वाले हैं तो उन्होंने पहाड़, गंगा और वहां के पर्यावरण पर कविताएं लिखने के लिए उन्हें प्रेरित किया। उनके सरल स्वभाव के बारे में बताते हुए उन्होंने उनपर लिखी कविता का सस्वर पाठ भी किया । राधाकृष्ण पंत ने उनसे जुड़े कई संस्मरण भी साझा किए। पहल संस्था की अध्यक्ष कमला पंत ने कवि राधाकृष्ण पंत का परिचय कराया। समापन पर धन्यवाद ज्ञापन डा ओपी नौटियाल द्वारा किया गया।इस अवसर पर डॉ पीपी पैन्यूली, एसके अग्रवाल, चंद्रशेखर तिवारी,कमल पांडे, सुंदर सिंह बिष्ट, एसके गुप्ता, डा भावतेश शर्मा, डा ओपी नोटियाल, पुष्पा पंत, डा मंजू सुंदरियाल,तौकीर अहमद,आईबी कोचगवे, अंजलि अग्रवाल, रमेश सिंह रावत, विधु कौडियाल, राकेश सेमवाल, आरती बिष्ट, नीतू रावत, आलोक सिंह, शिवानी पोखरियाल, डा हरीश बहुगुणा समेत यूसर्क के वैज्ञानिक व पहल के सदस्य भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ एम एन जोशी ने किया।