पुष्प प्रदर्शनी बसंतोत्सव का समापन, जानिए खबर
देहरादून । राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने रविवार को राजभवन में चल रही पुष्प प्रदर्शनी बसंतोत्सव का समापन किया। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया। इस वर्ष उत्तराखण्ड वन विभाग को 13 श्रेणियों में, आई.एम.ए. को 06 श्रेणियों में, ओ.एन.जी.सी को 05 श्रेणियों में, तथा आई.आई.टी रूड़की को 04 श्रेणियों में, चल बैजयंती (रनिंग ट्राफी) प्राप्त हुई। 09 श्रेणियों की 50 उपश्रेणियों में 150 प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार वितरित किये गये। समापन समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य किसानों को फूलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी। पुष्पों के महत्व पर बोलते हुए राज्यपाल ने माखनलाल चतुर्वेदी जी की कविता पुष्प की अभिलाषा की कुछ पंक्तियां भी पढ़ी। उन्होंने कहा कि यदि देशप्रेम भी सीखना हो तो पुष्प किसी से पीछे नहीं रहते। ‘‘मुझे तोड़ लेना वन माली, उस पथ पर देना तुम फेंकमातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जाये वीर अनेक।’’ उन्होंने कहा कि दो दिवसीय प्रदर्शनी में बीज से लेकर फूलों की कृषि तक सारी जानकारी उपलब्ध हो रही है। कृषि के आधुनिक उपकरणों को प्रदर्शित किया गया है। सरकारी योजनाओं और अनुदान की भी सारी जानकारी दी जा रही है। निश्चित रूप से इससे काश्तकारों को बहुत लाभ मिलेगा। वास्तव में यह बसंत का उत्सव उत्तराखण्ड की समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं का उत्सव है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पुष्प प्रदर्शनी के आयोजन से फूलों की खेती करने वालों को प्रेरणा मिलती है। राज्य गठन के समय 150 हेक्टेयर में फूलों की खेती होती थी जो बढ़कर 1533 हैक्टेयर हो गयी है। यह अच्छा संकेत है। उत्तराखण्ड के क्लाइमैटिक जोन पुष्पों की बहुत सी प्रजातियों के उत्पादन का अवसर प्रदान करते है। सिंथेटिक पुष्पों का बाजार बढ़ रहा है। इससे पता चलता है कि फूलों की बाजार में बहुत मांग है। जीवन के प्रत्येक अवसर पर फूलों की जरूरत है। उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पुष्प प्रदर्शनी से पुष्प उत्पादक, पुष्प व्यवसायी और पुष्प पे्रमी सभी को एक ही स्थान पर अवसर मिलता है कि वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सके। राज्य में 200 करोड़ रूपये का पुष्प व्यवसाय है। उत्तराखण्ड के चारो धामों में फूलों की बहुत मांग है। राज्य को बाहर की मंडियों से फूल मंगाना पड़ता है। सचिव उद्यान सेंथिल पाण्डियन ने कहा कि औद्यानिकी के लिये वल्र्ड बैंक से बड़ी सहायता प्राप्त हुई है जिससे प्रदेश में फ्लोरीकल्चर हेतु कार्ययोजना बनायी जा रही है। किसानों की सुविधा के लिये क्या नया कर सकते है इस पर ध्यान दिया जा रहा है। इस अवसर पर सचिव राज्यपाल आर.के.सुधांशु, निदेशक उद्यान आर.सी. श्रीवास्तव सहित उद्यान विभाग के अन्य अधिकारी एवं गणमान्य अतिथि भी उपस्थित थे।