प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकताओ में से एक : सीएम
देहरादून | राजपुर रोड स्थित होटल में प्रदेश के होटल एवं रेस्टोरेंट व्यवसायियों द्वारा उनकी समस्याओं के त्वरित निवारण करने के लिये मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का आभार व्यक्त कर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमारा उद्देश्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना है। होटल व्यवसाय पर्यटन से जुड़ा एक माध्यम है, इसके लिये इस क्षेत्र को कई रियायतें दी गई है। यह निर्णय राज्यहित से भी जुड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक अन्तर्राष्ट्रीय अध्ययन में यह तथ्य भी उजागर हुआ है कि यदि हम 10 लाख रूपये का निवेश क्रमशः उद्योग, खेती व होटल व्यवसाय में करते है तो उद्योग से 18, खेती से 38 तथा होटल व्यवसाय से 78 प्रतिशत लोगों को रोजगार से जोड़ते हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये 13 जिले, 13 नये टूरिज्म डेस्टिनेशन की दिशा में हम कार्य कर रहे हैं। मसूरी, नैनीताल तो सेचुरेट हो चुके है। अब नये पर्यटन गतव्य हमें तलाशने है। ऋषिकेश में आईडीपीएल की 900 एकड़ जमीन राज्य सरकार को मिल गयी है। यहां पर 700 एकड़ में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का कान्वोकेशन सेन्टर के साथ ही 05 बड़े होटल, योग वेलनेस सेन्टर आदि विकसित किये जायेंगे। अभी तक भारत में केवल हैदराबाद में तथा विदेश में स्विटजरलैंड में ऐसा सेन्टर है इससे देश व दुनिया के लोग ऋषिकेश से जुडेंगे। हरिद्वार, ऋषिकेश के मध्य गंगा किनारे विभिन्न योजनाओं पर भी कार्य किया जा रहा है। आॅल वेदर रोड, बद्रीनाथतक रेल सुविधा जैसी योजनाओं के साथ ही उड़ान योजना के तहत 05 बड़ी व 22 छोटी हवाई पट्टियों के निर्माण से वायु यातायात की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी तथा पर्यटन विकास के नये द्वार खुलेंगें। टिहरी झील को भी विश्वस्तरीय पर्यटन डेस्टिनेशन बनाने के हमारे प्रयास है। अगले महिने वहां पर टिहरी महोत्सव का आयोजन किया जायेगा। केदारनाथ में आदि अनन्त शिव का लेजर शो आयोजित किया जा रहा है। इसमें मन्दिर की दीवारों पर लेजर शो के माध्यम से शिव के प्रकटोत्सव की जीवन्त प्रस्तुति दी जायेगी। इसमें 30 टन सामान, 10 दिन में केदारनाथ पहुंचाया जायेगा। यह कार्य एक यजमान अपने व्यय पर कर रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि होटल व्यवसायियों के हित में बिजली का व्यय मीटर के आधार पर निर्धारित किया गया है। पहले यह फिक्स रहता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में सूर्यधार, सौंग व हल्द्वानी में जमरानी के साथ ही पंचेश्वर बांध के माध्यम से देहरादून, हल्द्वानी व ऊधमसिंहनगर को ग्रेविटी का पानी उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार की गई है। इससे भूजल स्तर में आ रही कमी दूर होने के साथ ही बिजली के व्यय पर होने वाली करोड़ों की धनराशि की बचत होगी। उन्होंने कहा कि भविष्य की आश्यकताओं के दृष्टिगत ये योजनायें बनायी जा रही है। हमारा विश्वास केवल घोषणा करने में नही, बल्कि धरातल पर दिखायी देने वाली योजनाओं व कार्यों के क्रियान्वयन पर है। उन्होंने होटल व्यवसायियों से प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को और अधिक गति प्रदान करने के लिये अपने सुझाव देने को कहा।