प्रदेश में भू कानून में परिवर्तन की मांग को लेकर “हम” का धरना
देहरादून। हमारा उत्तरजन मंच “हम” के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में नगर निकाय सीमा विस्तार व घटती कृषि भूमि पर रोक लगाये जाने की मांग को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। उन्होंने कहा प्रदेश में भू कानून में आमूलचूल परिवर्तन किये जाने की आवश्यकता है। कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में जिला प्रशासन के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। यहां मंच के कार्यकर्ता घंटाघर स्थित पर्वतीय गांधी स्वर्गीय इन्द्रमणि बडोनी की प्रतिमा के समक्ष इकटठा हुए और वहां पर उन्होंने प्रदेश में नगर निकाय सीमा विस्तार व घटती कृषि भूमि पर रोक लगाये जाने की मांग को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए धरना दिया और जिला प्रशासन के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि जिन लोगों ने पूर्व में यहां पर जमीन की खरीद फरोख्त की है उनकी जांच की जानी चाहिए और राज्य में 35 शहरों के विस्तार का निर्णय सरकार ने लिया है इनमें तीन नगर निगम, 22 नगर पालिकायें और 10 नगर पंचायतें शामिल है। वक्ताओं का कहना है कि वर्ष दो हजार में पृथक राज्य गठन के उपरांत प्रदेश की राजधानी क्षेत्र सहित समूचे प्रदेश भर में कृषि भूमि का तेजी से हरास हुआ है और पूंजीपतियों ने प्रदेश में भूमि की खरीद फरोख्त शुरू की और जिसमें बडी संख्या में उत्तराखंड से नहीं अपितु बाहरी राज्यों के लोग थे और लगभग तीन वर्षों के भीतर राज्या की काफी भूमि राज्य से बाहरी लोगों के नाम हो गई है यह भूमि अधिकांश उत्कृष्ठ स्थानों पर थी। बाहरी राज्य में के लोगों ने द्वारा राज्य में घटती कृषि भूमि की खरीद फरोख्त से चिंतित राज्य सरकार ने तीन वर्षों की देरी से ही सही 2003 में उत्तराखंड उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन अधिनियम की धारा 154(3,4,5), 129 बी व 152 अ को शामिल किया गया। उनका कहना है कि प्रदेश के राजस्व अभिलेखों में कृषि भूमि अंकित नहीं है। उनका कहना है कि वह व उनका परिवार इस तिथि के उपरांत अपने जीवनकाल में सिर्फ एक बार पांच सौ मीटर भूमि ही एक शपथ पत्र देकर क्रय कर सकेगा, जिसे 2007 में घटाकर 250 वर्ग मीटर कर दिया गया था और नियमों में भी यह व्यवस्था की गई। उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश जैसा लैंड रिफाॅम्र्स ए क्ट की धारा 118 जैसा ही एक कानून प्रदेश की पूर्ण बहुमत वाली सरकार भी तत्काल प्रभाव से बनाये और लागू करें जिससे नगर क्षेत्र में शामिल किये जाने वाले ग्रामों की कृषि भूमि को प्रदेशवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए बचाया जा सके। इस अवसर पर अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर रणबीर सिंह चौधरी ,समीर मुण्डेपी, हेमलता पंत ,अनूप नौटियाल , राजेंद्र नेगी , प्रदीप ,कमल देवराड़ी , गोविन्द बल्लभ, बद्री विशाल , संजीव शर्मा, दिनेश नौटियाल, ओमकार भाटिया सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।