प्रेमी निकला कातिल…
देहरादून | प्रेमनगर में टी-स्टेट में गुरप्रीत कौर की बीते रोज देर शाम गला रेतकर हत्या करने के पहले प्रेमी आशीष उर्फ मोनू ने उसके साथ सेल्फी ली। फिर अपने मोबाइल के व्हाट्सअप पर उसी फोटो को प्रोफाइल पिक्चर लगाया और स्टेटस में गुरप्रीत के चरित्र को लेकर अभद्र बातें लिखीं।दोस्तों को मैसेज भेजा कि ‘मैनें अपना काम कर दिया है।’ अवैध संबंध और रुपयों के लेनदेन के विवाद से जुड़े इस हत्याकांड के आशीष को शनिवार शाम मसूरी के ताज होटल से गिरफ्तार कर लिया। उसने भी अपने बायें हाथ की नस काटकर खुदकुशी की कोशिश की हुई थी, लेकिन वक्त रहते पुलिस उसे अस्पताल ले गई। उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद कर लिया गया।हत्याकांड का खुलासा कर एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने बताया कि गुरप्रीत की शादी करीब नौ साल पूर्व रविंद्र सिंह से हुई थी। रविंद्र का स्पेयर्स पाटर्स का काम है, जिस सिलसिले में वह अक्सर दूसरे शहर रहता है। शादी के अगले साल उनका बेटा हुआ और रविंद्र परिवार समेत त्यागी रोड पर रेलवे कर्मचारी सुबोध कुमार के मकान में किराये पर रहने आ गया।एसएसपी ने बताया कि सुबोध के बेटे आशीष व गुरप्रीत में अवैध संबंध हो गए। करीब छह साल तक अवैध संबंध चले। दोनों में रुपये का लेनदेन भी रहता था। चार माह पूर्व आशीष ने गुरप्रीत के पर्स से उसके पति का एटीएम चोरी कर खाते से दो लाख रुपये निकाल लिए।इस पर उसका गुरप्रीत से काफी विवाद हुआ और उसके पति रविंद्र को दोस्ती की भनक लग गई। दबाव डालने पर आशीष ने एक लाख चार हजार रुपये लौटा दिए, लेकिन बाकी 96 हजार लौटाने से मना कर दिया। इस दौरान दो माह पूर्व आशीष के परिजनों को उसके अवैध संबंध और लेनदेन के विवाद का पता चल गया। उन्होंने गुरप्रीत से मकान खाली करा लिया।गुरप्रीत आठ वर्ष के बेटे समेत रेस्ट कैंप में अपने माता-पिता के बगल में किराये पर रहने लगी, लेकिन आशीष से उसके अवैध संबंध जारी रहे। एसएसपी ने बताया कि इस बीच कुछ अन्य युवकों से गुरप्रीत की दोस्ती हो गई। आशीष और गुरप्रीत में विवाद भी हुआ। आशीष इससे बौखला गया और गुरप्रीत को ठिकाने लगाने की साजिश रची। उसने बीते रोज शाम गुरप्रीत को कॉल कर मिलने बुलाया।गुरप्रीत अपनी स्कूटी से रेस्ट कैंप पहुंची। आशीष बाइक से आया और एक दोस्त के घर के बाहर बाइक खड़ी कर दी। फिर गुरप्रीत की स्कूटी पर पीछे बैठकर वह टी-स्टेट के जंगल में गए। वहां आशीष ने लघुशंका के बहाने स्कूटी रुकवाई। इसके बाद अपने मोबाइल पर गुरप्रीत संग सेल्फी ली और फिर पीछे बैठ गया। उसने गुरप्रीत की चुन्नी से गला दबा दिया, मगर गुरप्रीत छिटकर सड़क पर जा गिरी।फिर चाकू से उसकी गर्दन पर दो घातक प्रहार किए और भाग निकला। एसपी सिटी अजय सिंह के निर्देशन में पुलिस और एसओजी की पांच टीमें जांच में लगाई गई थी। देर रात जब गुरप्रीत का मोबाइल बरामद हुआ तो पूरी कहानी सामने आ गई। उसके भाई जगदीप की तरफ से आशीष के खिलाफ हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया।
क्राइम पेट्रोल देखकर किया कत्ल
पुलिस की मानें तो आशीष गुरप्रीत को जुनूनी हद तक प्यार करने लगा था और उस पर अपना अधिकार जताता था। गुरप्रीत को यह पसंद नहीं था। जब गुरप्रीत की अन्य युवकों से दोस्ती हुई थी, तब से आशीष ने उसकी हत्या की साजिश रचने लगा। इसके बाद आशीष ने क्राइम पेट्रोल देखना शुरू किया। उसी के एक एपिसोड को देखकर कत्ल की साजिश फाइनल की। उसने कुछ दोस्तों से कहा था कि ‘या तो वह खुद मर जाएगा या गुरप्रीत को मार देगा।’
सेवलाकलां से मिली स्कूटी
आशीष गुरप्रीत की स्कूटी की लाइट बंद कर घटनास्थल से चोरी-छुपे फरार हो गया था। गुरप्रीत का मोबाइल भी वह ले गया। गुरप्रीत के मोबाइल पर घंटी बजती रही तो पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस की। बताया गया कि रात डेढ़ बजे जब सेवलाकलां में लोकेशन मिली तो पुलिस वहीं दौड़ी। वहां स्कूटी व उसकी डिग्गी से मोबाइल बरामद हो गए।
सोशल मीडिया से खुला केस
हत्याकांड में मृतका की शिनाख्त न होना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था, लेकिन सोशल मीडिया पुलिस के भगवान के रूप में सामने आया। पुलिस ने देर रात मृतका का फोटो व्हाट्सअप पर सभी जगह भेज दिया। शहरभर से लेकर राज्य पुलिस के तमाम ग्रुप से लेकर मीडिया और अन्य ग्रुप तक ये फोटो पहुंचा। इस पर पुरोला में तैनात एसआई कुलदीप पंत ने फोन किया कि युवती रेस्ट कैंप की रहने वाली है। पंत पहले देहरादून में लक्खीबाग चौकी प्रभारी थे। रेस्ट कैंप लक्खीबाग क्षेत्र में ही आता है। उस वक्त गुरप्रीत अपनी एक सहेली के घरेलू प्रताड़ना के मामले में पैरवी के लिए उसके साथ कोर्ट आती थी। यह पता लगते ही पुलिस टीम ने रेस्ट कैंप खंगाल दिया और देर रात लगभग पौने दो बजे शिनाख्त हुई। यही नहीं, हत्यारोपी आशीष को पकड़ने में भी व्हाट्सअप ने मदद की। हत्या से पहले ली गई सेल्फी को प्रोफाइल पिक्चर लगाने से लेकर अपने स्टेटस व दोस्तों को मैसेज से पुलिस ने पूरी कुंडली खंगाल डाली।