प्रेसवार्ता : लापता संत गोपालदास की बरामदगी न होने पर रोष
देहरादून। लापता संत गोपालदास के मित्रों ने कहा है कि अभी 10 दिन तक संत गोपालदास को ढूंढने के किसी भी प्रकार के प्रयास पुलिस प्रशासन द्वारा नहीं किये गये हैं। दिल्ली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के बाद भी कार्यवाही आगे नहीं बढ़ी है। उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए लापता संत गोपाल दास के मित्र योगाचार्य संदीप व नितिन ने कहा है कि गंगा को अविरल बहने व साफ किये जाने तथा खनन पर रोक लगाये जाने की मांग को लेकर अनशनरत संत गोपाल दास को एम्स में भर्ती कराया गया और वहां से बाद में एक इनोवा गाड़ी से दून लाया गया लेकिन जिस वाहन से लाये थे तो उन्हें बीच में छोड़ दिया गया। किसी ने संत गोपाल दास के मैक्स चिकित्सालय में भर्ती कराया और उसके बाद उन्हें दून चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां पर दो दिन रहने के बाद वह अचानक लापता हो गये। आज तक उनका कोई सुराग नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि एम्स प्रशासन से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना है कि उन्हें दून उपचार के लिए भेजा गया। उन्होंने कहा कि संत गोपाल दास की हालत नाजुक थी और उनकी बरामदगी के लिए जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया और कई स्कूलों के बच्चों ने खून से पत्र भी लिखे लेकिन आज तक उनकी बरामदगी नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने उनकी बरामदगी के लिए ट्वीट किया है परन्तु आज तक पुलिस प्रशासन व राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस कार्यवाही अमल में नहीं लाई गया है। उनका कहना है कि चिकित्सालय के रजिस्टरों में उन्हें लावारिस दिखाया गया है जबकि उनके माता पिता, भाई, बहन है। उन्होंने कहा कि एम्स प्रशासन के खिलाफ धारा 120 के तहत कार्यवाही की जानी चाहिए और संत गोपालदास की तत्काल बरामदगी की जाये। इस अवसर संत गोपालदास की माता शकुन्तला देवी ने कहा कि वह अपने पुत्र की बरामदगी के लिए अनशन पर बैठी है।