बाल मजदूरी करानें वालों को कानून का नही रहा भय
देहरादून। बच्चों का भविष्य राष्ट्र निर्माण में एक अहम योगदान रखता हैं बच्चों से ही आने वालें समय में देश का दिशा एवं दशा तय होता हैं लेकिन पूरे देश की बात दूर उत्तराखण्ड़ राज्य में ही अनेक बच्चें से बधुंआ बाल मजदूरी कराया जाता हैं। हाल ही में देहरादून की एक एन.जी.ओ. के माध्यम से देहरादून में दो स्थानों पर एक ओगल (टर्नर रोड़) एवं एक ड़़ी.एल रोड़ देहरादून सी.ड़ब्लू.सी द्वारा छापा मारा गया। सर्वप्रथम ड़ी.एल रोड़ सिथत एक हाँस्टल संचालक के यहाँ एक लड़की को बधुंआ बाल मजदूरी के तहत छापा मारा गया। आश्चर्य हुआ जब संचालक पुलिस एवं सी.ड़ब्लू.सी के सामने ही अपना धौंस दिखाने लगा मैं यहाँ का गुंड़ा हूँ मेरा कोर्इ कुछ नही बिगाड़ पायेगा इससे भी कही ज्यादा आश्चर्य तो तब हुआ जब उल्टा एन.जी.ओ. के सदस्यों को पुलिस कांस्टेबल ही धमकाने लगे। कानून के आड़ में संचालक लड़की को बचा लिया जिससे खानापूर्ति कर मामला वही दब गया इसी तरह आज के समय में दूसरे ओगल टर्नर रोड़ केस में भी सिथति वही की वही रही दोनों बच्चों का भविष्य उड़ान भरनें की दूर की बात बच्चों के भविष्य पर ही प्रश्न चिन्ह लग रहा हैं। ऐसे कैसे बच्चों का जीवन प्रकाशमय बनेगा। इस कानून के द्वारा सजा के पात्र होने चाहिए ऐसे काम करनें वालों पर परन्तु ऐसे लोग इसी कानून के आड़ में बच निकलते हैं।