बैंककर्मी रहे हड़ताल पर , जानिए ख़बर
देहरादून। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर बैंक ऑफ बड़ोदा, देना बैंक, विजया बैंक के आपसी विलय के प्रस्ताव के खिलाफ देशभर में दस लाख से अधिक बैंक अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर रहे। उत्तराखंड में भी हड़ताल का व्यापक असर दिखाई दिया। बैंककर्मियों ने रैली निकालकर केन्द्र सरकार को जमकर कोसा। यहां यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले बैंक अधिकारी एवं कर्मचारी परेड ग्राउंड में इकट्ठा हुए और वहां पर केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। कहा कि बैकों के विलय का लगातार जन विरोधी निर्णय केन्द्र सरकार द्वारा लिया जा रहा है, जिसे किसी भी दशा में सहन नहीं किया जायेगा। इस अवसर पर संयोजक जगमोहन मेंहदीरत्ता ने कहा कि बैंक आफ बडोदा, विजया बैंक व देना बैंक के आपसी विलय के प्रस्ताव के खिलाफ हड़ताल की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले केन्द्र सरकार ने स्टेट बैंक के पांच सहयोगी बैकों का विलय स्टेट बैंक में किया था लेकिन बैकों की मूल समस्या बैकों में बढ़ते एपीए को कम करना था परन्तु आज तक स्टेट बैंक में विलय की वजह से कोई एनपीए कम नहीं हुआ है बल्कि बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस कारण बड़ी संख्या में शाखाओं, एटीएम को बंद किया गया जिसके कारण जहां जनता को नुकसान हुआ वहीं बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी व उनका उत्पीड़न हुआ है। उन्होंने कहा कि आज जब देश में नये छोटे-छोटे बैकों को सरकार लाइसेंस दे रही है तब इन बैकों को विलय कर बड़ा बैंक बनाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि बडे कारपोरेट घरानों जिनका अस्सी प्रतिशत ऋण एनपीए है की रिकवरी के लिए कोई प्रयास नहीं किये जा रहे है जबकि इनसे ऋण वसूल करने के लिए कठोर कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चाहे व वेतन समझौता हो या अन्य मांगे बैंको के आपसी विलय के विरुद्ध राष्टीय स्तर पर दिए गए कार्यक्रमों के अनुसार दून में केनरा बैंक के रीजनल आफिस के सामने भारी प्रदशन भी कर चुके है लेकिन केन्द्र सरकार कोई ठोस पहल नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि हड़ताल के बाद भी केन्द्र सरकार नहीं जागी तो आंदोलन को तेज किया जायेगा और जरूरत पड़ी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की जायेगी। अनेक वक्ताओ ने सभा को संबोधित किया। सभा के बाद बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ रैली निकाली जो परेड ग्राउंड से शुरू होकर एस्ले हाॅल चैक, गांधी पार्क, घंटाघर, दर्शन लाल चैक, लैंसडाउन चैक होते हुए परेड ग्राउंड में पहुंचकर समाप्त हुई। सभा को जगमोहन मेंदीरत्ता, पीआर कुकरेती, हरि ओम रेखी, आरके गैरोला, आरपी शर्मा, बीपी सुन्दरियाल, कुन्दन सिंह, राजन पुंडीर , शार्दुल , राम कृष्ण गैरोला, मुरारी लाल नौटियाल, समदर्शी बड़थ्वाल आदि ने संबोधित किया। विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में अनेक बैकों के अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे।