भारत निर्वाचन आयोग ने अधिकारियों के स्थानान्तरण एवं तैनाती हेतु नीति निर्धारित की
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी विधानसभा सभा सामान्य निर्वाचन-2017 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी रूप से संचालित एवं संपादित करवाने के लिये निर्वाचन से संबंधित अधिकारियों के स्थानान्तरण एवं तैनाती हेतु नीति निर्धारित की गई है। यह जानकारी देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने बताया कि निर्वाचन कार्य से संबंधित कोई भी अधिकारी यथा, जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग एवं सहायक रिटर्निंग अफिसर, निर्वाचक एवं सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, निर्वाचन से संबंधित नोडल अफिसर यथा अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी और समान पदधारक निर्वाचन से संबंधित अन्य अधिकारी गृह जनपद में तैनात नही किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार उक्त दिशा-निर्देश आईजी पुलिस, डीआईजी पुलिस, कमाण्डेंट ऑफ स्टेट आर्म पुलिस, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक, एस.एच.ओ, इन्सपेक्टर, सब इन्सपेक्टर, आर.आई, सर्जेन्ट मेजर और समान पदधारक पुलिस अधिकारियों पर भी लागू होंगे। उन्होंने बताया कि उक्त उल्लिखित कोई भी अधिकारी जो दिनांक 31 मार्च, 2017 को संबंधित जनपद, तैनाती स्थल पर विगत चार वर्षों में तीन वर्ष की सेवा पूर्ण कर रहा है, उन्हें आयोग के उक्त दिशा-निर्देशों के अनुसार संबंधित जनपद, तैनाती स्थल से स्थानान्तरित किया जायेगा। तीन वर्ष की उक्त सेवा अवधि में यदि किसी अधिकारी की पदोन्नति भी हुई हो तो उसे भी उक्त अवधि के अन्तर्गत सम्मिलित माना जायेगा। निर्वाचन कार्यों से संबंधित उपरोक्त कोई भी अधिकारी जो विगत विधानसभा सामान्य निर्वाचन/किसी भी उप निर्वाचन में किसी जनपद/विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रान्तर्गत आदि में तैनात रहा हो उन्हें पुनः उसी जनपद/क्षेत्र में स्थानान्तरित/तैनात नहीं किया जायेगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रतूड़ी ने बताया कि किसी भी निर्वाचन के सफलतापूर्वक संचालन एवं संपादन के लिये निर्वाचन संबंधी विभिन्न कार्यों के लिये बहुत अधिक संख्या में अधिकारियों/कर्मचारियों की तैनाती की जाती है, इस लिये ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जो निर्वाचन कार्यों से सीधे संबंध नहीं है, आयोग के उक्त दिशा-निर्देश ऐसे किसी भी अधिकारी/कर्मचारी यथा डाक्टर, इंजीनियर, शिक्षकों, प्रधानाचार्यों तथा जोनल एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किये जाने वाले अधिकारियों पर लागू नहीं होंगे। विगत में यदि भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा किसी अधिकारी के विरूद्ध निर्वाचन संबंधी कर्तव्यों मे लापरवाही हेतु कोई अनुशासनिक कार्यवाही की संस्तुति की गई हो या किसी अधिकारी को विगत किसी निर्वाचन में आयोग की संस्तुति पर स्थानान्तरित किया गया हो अथवा किसी अधिकारी के विरूद्ध किसी न्यायालय मे निर्वाचन से संबंधित कोई आपराधिक मुकदमा प्रचलित हो, तो ऐसे किसी भी अधिकारी को निर्वाचन कार्यो से बाहर रखा जायेगा। ऐसे अधिकारी जो आगामी छः माह के अन्तर्गत सेवानिवृत हो रहे हैं उन्हे उक्त नीति के अन्तर्गत छूट प्रदान की जा सकती है किन्तु आयोग की पूर्वानुमति के बिना उन्हें निर्वाचन संबंधी कार्यो से संबद्ध नहीं किया जायेगा।