महापुरुषों में से एक थे स्वामी विवेकानंद….
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी को कोलकाता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। विवेकानंद प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। वे अपने गुरु रामकृष्ण देव से काफी प्रभावित थे। रामकृष्ण परमहंस की मृत्यु के बाद विवेकानंद ने धर्म प्रचार के लिए भारतीय उपमहाद्वीप का दौरा किया था। उन्होंने 1893 में विश्व धर्म संसद भारत का प्रतिनिधित्व किया और यहां दिए गए भाषण की वजह से वे देश-दुनिया में प्रसिद्ध हो गए। स्वामीजी के जन्मदिन 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। समाज को उनके द्वारा दिए हुए कुछ अनमोल वचन…
उठो और जागो और तब तक रुको नहीं, जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते। पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं। जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है। हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं। जो तुम सोचते हो, वो बन जाओगे। यदि तुम खुद को कमजोर सोचते हो, तुम कमजोर हो जाओगे, अगर खुद को ताकतवर सोचते हो, तुम ताकतवर हो जाओगे। एक विचार लो। उस विचार को अपना जीवन बना लो, उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो। यही सफल होने का तरीका है।