महिला मैराथन के दौरान अपने देश का पानी स्टॉल था खाली : खिलाड़ी ओपी जैशा
रियो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ी ओपी जैशा ने खुलासा किया है कि महिला मैराथन के दौरान उनकी हालत अधिक खराब हो गई थी और न ही उनकी मदद के लिए कोई आया. उन्होंने कहा, ’42 किलोमीटर की मैराथन रेस के दौरान मैं मर सकती थी क्योंकि वहां पानी और एनर्जी ड्रिंक मुहैया कराने के लिए अधिकारी नहीं थे.’ रियो ओलंपिक की महिला मैराथन में जैशा का निराशाजनक प्रदर्शन रहा. इन्होंने दो घंटे 47 मिनट 19 सेकेंड में मैराथन रेस पूरी की और 89वें स्थान पर रही थी. जैशा ने कहा, ‘वहां काफी गर्मी थी. दौड़ सुबह नौ बजे से थी, मैं तेज गर्मी में दौड़ी. हमारे लिए न ही कोई एनर्जी ड्रिंक थी और न ही कोई खाना ना ही पानी का कोई इंतजाम था,. केवल एक बार आठ किलोमीटर में रियो के आयोजकों से मुझे पानी मिला, इसके अलावा हमे कोई मदद नहीं मिली. सभी देशों के हर दो किमी पर अपने स्टॉल थे, लेकिन हमारे देश का स्टॉल खाली था.’