माँ ने मजदूरी कर अपनी बेटी को बनाया डाक्टर
जूनून और हौसला का उदय हालात से ही निकलते है जो छात्रा कमला ने सही सिद्ध किया है | छात्रा कमला जमरा ने एआईपीएमटी (एमपी ) में 7वीं रैंक हासिल कीं है।जब कमला 4 साल की थी, तब पिता की मौत हो गई थी। पिता के मौत के बात कमला की माँ अपनी बेटी को आगे पढ़ाने के लिए अपनी सारी ताकत लगा दिया कमला की माँ ने यह तय किया की बेटी को पढ़ाने के लिए दिन रात काम करना पड़े मै करुँगी और उन्होंने वह किया बाकी कमला अपनी जिम्मेदारी समझते हुए अपनी माँ को ख़ुशी के आँसू देकर अपना कर्तव्य निभाया साथ ही साथ माँ और बेटी समाज के लिए आदर्श बन गई | बेटी के डाॅक्टर बनने का सपना पूरा करने के लिए माँ 100 रू. रोज पर मजदूरी कर कोचिगं फीस और होस्टल किराए के पैसे जुटाए। आज बेटी की सफलता देख माँ की आँखें नम हो गई |