मां गंगा में 6980 लावारिस अस्थि कलश प्रवाहित , जानिए खबर
हरिद्वार। हरिद्वार में गंगा में 6980 लावारिस अस्थि कलश प्रवाहित किए गए। इस मौके पर देवोत्थान सेवा सेवा समिति के अध्यक्ष अनिल नरेन्द्र ने कहा कि अब तक उनकी संस्था द्वारा 01 लाख 36 हजार लावारिस अस्थि कलशों को गंगा में प्रवाहित कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि साल दर साल अस्थि कलशों की संख्या में कमी आ रही है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि लोग अपने पूर्वजो को लेकर जागरुक हो रहेे है। उनकी संस्था का उद्देश्य भी युवाओं में भारतीय संस्कृति को लेकर जागरुकता जगाना है और वे इसमें सफल हो रहे है। पितृपक्ष की सबसे बड़ी व ऐतिहासिक 17वीं अस्थि कलश विसर्जन यात्रा निष्काम सेवा ट्रस्ट भूपतवाला हरिद्वार से किया गया। रास्ते में हड़की पौड़ी सहित कई स्थानों पर धार्मिक और समाजिक संस्थाओं के द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया। कनखल के सतीघाट पर पूर्ण विधान से सभी अस्थि कलशों को मां गंगा में प्रवाहित कराया गया। इस मौके पर अनिल नरेन्द्र ने बताया कि इस बार समिति के सदस्यों ने भारत के कई राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व दिल्ली, एनसीआर के श्मसान घाटों से लावारिस अस्थियों को एकत्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था द्वारा लगातार 17 वर्षो से यह कार्य किया जा रहा है। जिसमें सभी का सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में दो बार पाकिस्तान से भी लावारिस अस्थियों का लाया गया है। अब अमेरिका से भी अस्थियों को लाने का प्रयास किया जा रहा है। कहा कि उन्हें ज्ञात हुआ है कि अमेरिका में रहने वाले एक दंपत्ति ने गंगा में अस्थि विसर्जन की चाह में अस्थियों को कई वर्षो संे संभाल कर रखा है। वे इस संबंध में भारत सरकार से भी वार्ता कर रहे है। अनुमति मिलने पर उन अस्थियों को भी गंगा में प्रवाहित कराया जायेगा। संस्था के महामंत्री विजय शर्मा ने बताया कि 5 झांकी , बैडबाजों और करीब 400 श्रद्धालुओं के साथ यात्रा दिल्ली से हरिद्वार पहुंची। उन्होंने यात्रा में शामिल सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। धर्मयात्रा महासंघ के अध्यक्ष रविन्द्र गोयल की ओर से सभी सदस्यों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सुमन गुप्ता, एमएम मेहता, पंकज आंगरा, उमेश कौशिक, रामनाथ लूथरा, सतीश वर्मा सहित अन्य मौजूद रहे। दून डिफेन्स कॅरियर पाॅइन्ट के सेना से अवकाश प्राप्त भूतपूर्व अधिकारी नरेश कान्त थपलियाल जो कि संस्था में छात्रों को एसण्एसण्बी की प्रशिक्षण देते है तथा भूतपूर्व शमशेर सिंह थापा व नितेश थापा जो कि शारीरिक प्रशिक्षण देते है उन्होने भी आयोजित पराक्रम पर्व में छात्रों का उत्साह बढाया तथा उनको सेना में जाने के लिए प्रेरित किया।